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आखिर क्या होता हैं Kidney Cancer? क्यों बढ़ रही हैं देश में इसके मरीज़ो की संख्या-IndiaNews

India News (इंडिया न्यूज़), Kidney Cancer: भारत में किडनी कैंसर का खतरा बढ़ने के कई प्रमुख कारण हैं। इनमें जीवनशैली से जुड़ी आदतें, पर्यावरणीय प्रभाव, चिकित्सा संबंधी कारक और आनुवंशिक प्रवृत्तियां शामिल हैं। इन कारणों को विस्तार से समझना महत्वपूर्ण है ताकि इसके प्रभावी रोकथाम और उपचार की दिशा में कदम उठाए जा सकें:

आखिर क्या होता हैं Kidney Cancer?

किडनी कैंसर, जिसे गुर्दे का कैंसर भी कहा जाता है, एक प्रकार का कैंसर है जो किडनी (गुर्दे) में शुरू होता है। यह तब होता है जब किडनी की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक ट्यूमर का निर्माण करती हैं। किडनी कैंसर के मुख्य प्रकारों में रिनल सेल कार्सिनोमा (RCC), यूरोटेलियल कार्सिनोमा (यूरेट्रिक कैंसर), विल्म्स ट्यूमर और किडनी सारकोमा शामिल हैं। इनमें से रिनल सेल कार्सिनोमा सबसे सामान्य प्रकार का है, जो वयस्कों में अधिकतर पाया जाता है। किडनी कैंसर के प्रारंभिक चरणों में आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, मूत्र में रक्त, पीठ या पेट में दर्द, वजन का अचानक घटना, थकान, कमजोरी, बुखार और एनीमिया जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं। किडनी कैंसर के विकास के कारणों में धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, मोटापा, पारिवारिक इतिहास, और कुछ आनुवंशिक विकार शामिल हो सकते हैं। समय पर निदान और उचित उपचार से किडनी कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज संभव हो सकता है।

धूम्रपान और तंबाकू का सेवन:

धूम्रपान किडनी कैंसर का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू में मौजूद हानिकारक रसायन किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।

मोटापा और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली:

भारत में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है, जो किडनी कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। उच्च कैलोरी वाले आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके मुख्य कारण हैं।

उच्च रक्तचाप:

उच्च रक्तचाप किडनी कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। आधुनिक जीवनशैली में तनाव, अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण उच्च रक्तचाप के मामले बढ़ रहे हैं।

पुरानी किडनी बीमारियाँ (CKD):

पुरानी किडनी बीमारियाँ और डायलिसिस पर रहने वाले मरीजों में किडनी कैंसर का खतरा अधिक होता है। CKD के मामले बढ़ने के साथ-साथ किडनी कैंसर के मामलों में भी वृद्धि हो रही है।

विषाक्त पदार्थों का संपर्क:

औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोग, जो एस्बेस्टस, कैडमियम और ट्राइक्लोरोइथिलीन जैसे रसायनों के संपर्क में आते हैं, उनमें किडनी कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

दवाओं का अत्यधिक उपयोग:

विशेष रूप से दर्द निवारक दवाओं और अन्य कुछ दवाओं का लंबे समय तक उपयोग किडनी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

आहार और जल की गुणवत्ता:

अस्वास्थ्यकर आहार और दूषित पानी का सेवन भी किडनी कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। भारतीय ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दूषित जल की समस्या व्यापक है।

पर्यावरणीय कारक:

बढ़ते प्रदूषण और औद्योगिकरण के कारण हवा और पानी में हानिकारक रसायनों की मात्रा बढ़ रही है, जिससे किडनी कैंसर का खतरा बढ़ता है।

अनुवांशिक प्रवृत्तियां:

किडनी कैंसर का पारिवारिक इतिहास भी एक महत्वपूर्ण कारक है। यदि परिवार में किसी को किडनी कैंसर रहा हो, तो अन्य सदस्यों में भी इसका जोखिम बढ़ सकता है।

Prachi Jain

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