Alasya door kaise karen : क्या आप भी अक्सर अपने लक्ष्यों को केवल इसलिए हासिल नहीं कर पाते, क्योंकि आपको बहुत आलस आता है। अगर ऐसा है तो जापान के लोगों की कुछ आदत आपके इस आलस को पूरी तरह बदल कर रख सकती है। आइए जानते हैं जापान के लोगों की इन आदतों के बारे में। ऐसा कहा जाता है कि जिंदगी में कुछ भी करने के लिए एक पागलपन और फितूर की जरूरत होती है। वैसे देखा जाए तो यह चीज किसी भी काम की शुरुआत में ज्यादातर लोगों में दिखाई देती है। लेकिन जैसे-जैसे काम पुराना हो जाता है, तो यही पागलपन और फितूर एक गहरे आलस में तब्दील हो जाता है।
ऐसा होने पर ना केवल जिस चीज पर हम काम कर रहे होते हैं, उसके परिणाम प्रभावित होते हैं। बल्कि इसकी वजह से हम खुद की नजरों में ही गुनहगार बनते जाते हैं और खुद को ही कोसते रहते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसी ही समस्या है तो आपके लिए आज हम जापान देश के लोगों की एक टेक्निक लेकर आए हैं। इस टेक्निक का नाम काइज़ेन है। कहा जाता है कि जापानी लोग आज के समय में हमेशा एक्टिव रहकर जो मेहनत कर पाते हैं। वह सभी इसी टेक्निक की वजह से होता है। आइए जानते हैं आप कैसे इस टेक्निक को अपना सकते हैं।
काइज़ेन को एक मिनट का सिद्धांत भी कहा जाता है, जो सेल्फ इम्प्रूवमेंट के लिए अपनाया जाता है। आपको बता दें कि जापानी लोग इस सिद्धांत के जरिए ही आलस से छुटकारा पाते हैं। इस सिद्धांत में एक व्यक्ति को रोजाना एक ही समय पर एक मिनट के लिए काइज़ेन टेक्निक का पालन करना होता है। काई का अर्थ होता है बदलाव और जेन का अर्थ होता है विसडम। काइज़ेन शब्द को जैपनीज ओर्गनइजेशनल थिओरिस्ट एंड मैनेजमेंट कंसलटेंट के मासाकी आइमा ने इजाद किया है, जो कि अपने काम की क्वालिटी और मैनेजमेंट के लिए प्रसिद्ध है।
मासाकी के मुताबिक जापान के अंदर काइज़ेन टेक्निक का इस्तेमाल लोग अपनी मैनेजमेंट स्किल्स को बेहतर करने के लिए करते हैं। मासाकी बताते हैं कि काइज़ेन का मकसद यही है कि बिना इम्प्रूवमेंट के एक दिन भी ना गुजरे। साथ ही मासाकी का कहना है कि काइज़ेन के जरिए परिणाम एक या दो दिन के अंदर नहीं आते। इसके लिए आपको लंबे समय तक इसे नियमित रूप से करना होता है।
काइज़ेन एक बहुत ही सरल और सीधी टेक्निक है। इसमें आपको रोजाना तय समय पर एक मिनट के लिए अपनी मन पसंद काम करना होता है, चाहे वह कोई किताब पढ़नी हो, म्यूजिक बजाना हो या कुछ और करना हो। इस समय आप चाहे कुछ भी करने के लिए बहुत आलस महसूस कर रहे हों। लेकिन इस काइज़ेन टेक्निक को रोजाना एक ही समय पर करें और इस कमिटमेंट को किसी भी हाल में पूरा करें।
जब बात एक मिनट के काइज़ेन पर आती है तो इसके लिए आपको किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी है। बस आपको एक मिनट पूरी तरह देना है और कुछ समय बाद आप देखेंगे कि आप इसमें खुद ही समय बढ़ जाएगा। इस टेक्निक को कोई भी अपना सकता है, चाहे उसकी उम्र या कामकाज कोई भी हो। ऐसा करते समय बस आपको यह समझना है कि आप क्या पाना चाहते हैं और अपने लक्ष्य को ध्यान में रखना है।
(Alasya door kaise karen)
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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