Cocktail Vaccine एस्ट्राजेनेका और स्पूतनिक लाइट को मिलाकर प्रयोग किए जाने को लेकर छोट स्तर पर एक क्लिनिकल स्टडी की गई है। इस स्टडी में पाया गया है कि कॉकटेल वैक्सीन का कोरोना पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ ही एंटीबॉडी का ग्रोथ भी अच्छा हो रहा है। रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने स्टडी रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बात कही है। यह डाटा 20 लोगों से जमा किए गए हैं। इन सभी पर फरवरी महीने में स्टडी शुरू किया गया था। इन्हें पहले एस्ट्राजेनेका दी गई, फिर 29 दिनों बाद इन्हें स्पुतनिक लाइट की एक डोज दी गई।
अंतरिम विश्लेषण के परिणाम के आधार पर 57वें दिन ही 85 प्रतिशत वॉलंटियर्स के शरीर में ज्यादा एंटीबॉडी पाए गए थे। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन और स्पुतनिक वैक्सीन को मिलाकर बनाई गई वैक्सीन बेहद कारगर है। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन में स्पुतनिक लाइट वैक्सीन का ह्यूमन एडिनोवायरस सीरोटाइप 26 मिलाया गया है। इस वैक्सीन कॉकटेल में ह्यूमन एडिनोवायरस 26 को बतौर पहला कंपोनेंट और ह्यूमन एडिनोवायरस सीरोटाइप 5 को दूसरे कंपोनेंट की तरह मिलाया गया था।
स्पुतनिक-वी के दोनों डोज लेने के बाद कोविड-19 के खिलाफ 80% एफिकेसी है। वहीं, स्पुतनिक लाइट ने खुद को कोरोना के नए वैरिएंट्स के खिलाफ मजबूती से पेश किया है। यानी स्पुतनिक लाइट कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स पर ज्यादा प्रभावी है। इसे स्टोर करना वैश्विक स्तर के मानकों पर ज्यादा आसान है। इसे ह्यूमन एडिनोवायरल वेक्टर पर बनाया गया है। इसे लेकर वैश्विक स्तर पर हुए 250 क्लीनिकल ट्रायल्स में यह बात पुख्ता हो गई है कि इस वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। इन दोनों वैक्सीन को मिलाकर बनाई गई कॉकटेल वैक्सीन से कोरोना वायरस के खिलाफ ज्यादा इम्यूनिटी मिल रही है।
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साथ ही इसकी क्षमता काफी ज्यादा दिनों तक रहने का दावा किया जा रहा है। दोनों दवा कंपनियों में पिछले साल दिसंबर में डील हुई थी। डील के समय रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मौजूद थे। यह डील स्पुतनिक बनाने वाली कंपनी गामालेया सेंटर, एस्ट्राजेनेका और आर-फार्म ने मिलकर किया था। डील का मकसद था एक ऐसी वैक्सीन बनाना जो कोरोना वायरस से ज्यादा बचाव और सुरक्षा दे।