India News (इंडिया न्यूज़), Chinese Garlic For Health: लहसुन की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है। इस बीच सब्जी मंडियों में खुलेआम ‘चीनी लहसुन’ भी बिक रहा है, जिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। यह चीनी लहसुन सेहत के लिए खतरनाक है, जिसके चलते इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। हाल ही में चीनी लहसुन की बिक्री का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। इसके बाद कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों से पूछा कि आखिर प्रतिबंधित ‘चीनी लहसुन’ बाजार में कैसे उपलब्ध है? क्या आप भी अपनी रसोई में चीनी लहसुन ला रहें हैं? चीनी और भारतीय लहसुन में बहुत ही सूक्ष्म अंतर होता है, जिसके चलते आमतौर पर लोग धोखा खा जाते हैं।

जानें चीनी और भारतीय लहसुन में 6 बड़े अंतर

  • इन दिनों दिल्ली की कुछ सब्जी मंडियों में चमकदार और बड़ा लहसुन देखने को मिल रहा है, जो सेहत के लिए खतरनाक है, क्योंकि यह चीनी लहसुन है।
  • चीनी लहसुन भारतीय लहसुन से आकार में काफी बड़ा होता है। मान लीजिए भारतीय लहसुन की 4 कलियां और चीनी लहसुन की 1 कलियां लगभग बराबर हैं।

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  • भारतीय लहसुन की कलियां या तुरई बारीक और पतली होती हैं, जबकि चीनी लहसुन की कलियां फूली हुई और मोटी होती हैं।
  • चीनी लहसुन को केमिकल का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। इसमें सिंथेटिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए यह पूरी तरह से सफेद, साफ और चमकदार होता है। इसके विपरीत भारतीय लहसुन में कुछ क्रीम या पीला रंग होता है।
  • जब चीनी लहसुन को काटा जाता है, तो उसमें से बहुत कम गंध आती है। वहीं भारतीय लहसुन की गंध बहुत तेज होती है, जिसे दूर से भी सूंघा जा सकता है।
  • भारतीय लहसुन को छीलना बहुत मुश्किल होता है और इसका छिलका हाथों में बहुत चिपकता है। लेकिन स्थानीय लहसुन का छिलका बहुत आसानी से उतर जाता है और हाथों में चिपकता नहीं है।

एक बार फिर ‘चीनी लहसुन’ का मुद्दा कैसे उठा?

शुक्रवार को याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रतिबंधित लहसुन पेश किया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इन दिनों बाजारों में खुलेआम प्रतिबंधित चीनी लहसुन बिक रहा है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से देश में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध से संबंधित आदेश पेश करने को कहा और यह भी बताने को कहा कि चीन से उक्त प्रतिबंधित लहसुन के आयात को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला की पीठ ने स्थानीय वकील मोतीलाल यादव की जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।

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कब से लगा चीनी लहसुन पर प्रतिबंध?

मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने साल 2014 में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि इसमें कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित किया गया था, लेकिन फिर भी यह बाजार में खुलेआम बिक रहा है। शुक्रवार को जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि लहसुन कहां है, तो उसने कहा कि वह इसे लेकर आया है। इसके बाद कोर्ट की अनुमति से खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी ने इसे सील कर जांच के लिए भेज दिया। बताया जा रहा है कि चीनी लहसुन खाने से पेट संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं। यह लहसुन किडनी पर भी बुरा असर डालता है।

भारतीय लहसुन की जगह चीनी लहसुन क्यों आ रहा है?

दिल्ली की सब्जी मंडियों में लहसुन की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है। लहसुन का थोक भाव 150-240 रुपये प्रति किलो है, जो खुदरा बाजार में 350 से 400 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इस बढ़ी हुई कीमत की वजह से बाजार में चीनी लहसुन की मौजूदगी बढ़ती जा रही है, क्योंकि व्यापारियों को यह काफी सस्ता मिल रहा है और इसमें काफी मुनाफा भी है।

 

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।