India News (इंडिया न्यूज), Arthritis Yoga Treatment: अमेरिका की हालिया हेल्थ रिपोर्ट बताती है कि 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हर 4 में से 1 बुज़ुर्ग साल में कम से कम एक बार गिरते हैं, जिससे उनके कूल्हों और घुटनों में गंभीर चोटें आती हैं। भारत में भी बुज़ुर्गों में ऐसी घटनाओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। गिरने के बाद अक्सर हड्डियों में फ्रैक्चर होता है, जिससे गठिया और ऑस्टियो-आर्थराइटिस की समस्या बढ़ जाती है।
गिरने के बढ़ते मामलों की मुख्य वजह है — मल्टीपल क्रोनिक डिज़ीज़, जैसे हाई शुगर, हार्ट प्रॉब्लम, हाइपरटेंशन, और मोटापा। ये बीमारियां शरीर के पॉश्चर और बैलेंस को बिगाड़ देती हैं।
Arthritis Yoga Treatment: आर्थराइटिस ने शरीर का हाल-बेहाल आज ही आजमाएं बाबा रामदेव के बताएं लाजवाब उपाय
गिरने की घटनाओं के आंकड़े:
60 साल से अधिक उम्र के बुज़ुर्गों में 30% एक्सीडेंटल फॉल के केस सामने आते हैं।
70 साल से ऊपर के लोगों में यह संख्या बढ़कर 35% हो जाती है।
गिरने की वजह से हड्डियां कमज़ोर होती हैं और गठिया जैसी बीमारियां गंभीर रूप ले सकती हैं। लेकिन अगर नियमित रूप से संतुलन बनाने वाले योगाभ्यास — जैसे वृक्षासन, गरुड़ासन, और वीरभद्रासन — किए जाएं, तो इन घटनाओं से बचा जा सकता है।
वीरभद्रासन: घुटनों और कूल्हों के लचीलेपन को सुधारता है।
मकरासन और भुजंगासन: रीढ़ की हड्डी और कूल्हों के लिए लाभकारी।
योग केवल गठिया का उपचार नहीं है बल्कि एक समग्र स्वास्थ्य सुधार का माध्यम है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। संतुलन बनाने वाले योगाभ्यास और सही जीवनशैली अपनाकर बुज़ुर्ग गिरने और गठिया जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।
योग, सही आहार, और सक्रिय जीवनशैली के ज़रिए हम अपने बुज़ुर्गों को स्वस्थ और सुरक्षित जीवन प्रदान कर सकते हैं।