India News (इंडिया न्यूज), Benefits of Vanilla: परंपरागत खेती से कम मुनाफा होने के कारण किसान अब अधिक लाभकारी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। वनीला की खेती एक ऐसा विकल्प बनती जा रही है, जो किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती है। हालिया अध्ययनों और शोधों के अनुसार, वनीला की वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है और इसके फलों व बीजों की ऊंची कीमतों के कारण यह खेती अत्यधिक लाभदायक साबित हो रही है।
भारतीय मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में बनने वाली आइसक्रीम में लगभग 40 प्रतिशत वनीला फ्लेवर का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, वनीला के बीजों और फलों का उपयोग खाद्य पदार्थों, सौंदर्य प्रसाधनों और सुगंधित उत्पादों में बड़े पैमाने पर होता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, वनीला के बीजों की बाजार में कीमत 40,000 से 50,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है। भारत के अलावा, मैडागास्कर, पापुआ न्यू गिनी और यूगांडा जैसे देशों में भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान वनीला की खेती को व्यावसायिक रूप से अपनाते हैं, तो वे करोड़ों की कमाई कर सकते हैं।
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कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार, वनीला के पौधों को परिपक्व होने में लगभग 9 से 10 महीने का समय लगता है। इसके बाद इनके फलों से बीज निकाले जाते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उत्पादों में किया जाता है। यह पौधा आर्किड परिवार का सदस्य है और इसकी बेलनाकार लताएं सहारे के साथ तेजी से बढ़ती हैं।
वनीला की खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। यह पौधा गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह बढ़ता है और इसे छायादार स्थान की आवश्यकता होती है।
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वनीला के फलों और बीजों में वनैलिन नामक रासायनिक तत्व पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है।
वनीला की खेती किसानों के लिए एक स्थायी आय का स्रोत बन सकती है। इसकी ऊंची मांग और कीमतें इसे परंपरागत फसलों की तुलना में अधिक लाभकारी बनाती हैं। इसके साथ ही, वनीला की खेती के लिए आधुनिक तकनीकों और उचित देखभाल अपनाने से उत्पादन और मुनाफा बढ़ाया जा सकता है।
वनीला की खेती न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती है, बल्कि यह स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। यदि किसान इस खेती को व्यावसायिक रूप से अपनाएं और इसके लिए वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करें, तो यह उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। वनीला की बढ़ती वैश्विक मांग और इसके लाभकारी गुण इसे भविष्य के लिए एक सुनहरा अवसर बनाते हैं।