India News (इंडिया न्यूज), Black Nose Disease: आज के दौर में लोग कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। अक्सर अधिकतर बीमारियां ऐसी रहती हैं जो जेनेटिक होती हैं यानी कि माता-पिता से बच्चों में आती हैं। अगर गर्भावस्था के दौरान मां किसी संक्रामक बीमारी से पीड़ित है तो कुछ मामलों में यह संभव है कि यह बीमारी जन्म के बाद बच्चे को भी प्रभावित कर सकती है। ऐसा ही एक मामला चेन्नई से सामने आया है, जहां गर्भवती मां चिकनगुनिया से पीड़ित थी। महिला के बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद उसका बच्चा ब्लैक नोज बीमारी का शिकार हो गया। जानकारी के मुताबिक, जन्म देने से एक हफ्ते पहले मां चिकनगुनिया से पीड़ित पाई गई थी। डॉक्टरों ने इसे पोस्ट चिकनगुनिया हाइपरपिग्मेंटेशन कहा, जो आमतौर पर चिकनगुनिया से पीड़ित होने के बाद होता है।

क्या होता है ब्लैक नोज डिजीज

ब्लैक नोज डिजीज एक तरह का त्वचा रोग है जिसमें नाक पर काले धब्बे दिखाई देते हैं। ब्लैक नोज या चिक साइन आमतौर पर नाक के आस-पास के क्षेत्र को प्रभावित करता है। इसे हाइपरपिग्मेंटेशन भी कहते हैं, जो चिकनगुनिया बुखार के बाद या उसके साथ रोगियों में होता है। कई बार यह समस्या चिकनगुनिया की तरह 6 महीने तक बनी रह सकती है। कुछ मामलों में इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है।

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ब्लैक नोज के लक्षण

अगर आपको ब्लैक नोज की बीमारी है, तो आपको जोड़ों में दर्द और बुखार हो सकता है। इस स्थिति में कई बार सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में सूजन हो सकती है। त्वचा पर चकत्ते भी इस बीमारी के लक्षण माने जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार जी मिचलाना और थकान भी महसूस हो सकती है।

ब्लैक नोज बचाव के उपाय

ब्लैक नोज की बीमारी आमतौर पर चिकनगुनिया के कारण होती है, इसलिए इससे बचने के लिए आपको चिकनगुनिया से बचना चाहिए। इससे बचने के लिए आपको मच्छर भगाने वाली कॉइल या मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए आपको चिकनगुनिया मुक्त क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।