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दुनिया में फैला नया वायरस, आंखों से बहने लगता है खून…15 लोग तड़प-तड़प कर मर गए, 17 देशों में कोहराम

India News (इंडिया न्यूज), Bleeding Eye Virus: कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया अब नए-नए वायरसों के खतरे का सामना कर रही है। हाल ही में, अफ्रीकी देश रवांडा में मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) का प्रकोप देखने को मिला है। इस घातक वायरस के कारण अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, और सैकड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए करीब 17 देशों में ट्रैवलर्स के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इसे ‘ब्लीडिंग आई वायरस’ (Bleeding Eye Virus) भी कहा जाता है क्योंकि संक्रमित मरीजों की आंखों से खून बहने लगता है। आइए, इस वायरस से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

 

मारबर्ग वायरस क्या है?

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मारबर्ग वायरस इबोला वायरस फैमिली से संबंधित है और यह वायरल हेमरेजिक फीवर (Viral Hemorrhagic Fever) का कारण बनता है। यह वायरस ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) की स्थिति बन जाती है। यह एक जूनोटिक वायरस (Zoonotic Virus) है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। खासतौर पर, यह वायरस चमगादड़ों से उत्पन्न होता है और उनके खून, मूत्र या लार के संपर्क में आने से इंसानों में फैलता है। यह वायरस बेहद घातक है और संक्रमित होने पर मृत्यु दर 24% से 88% तक हो सकती है।

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मारबर्ग वायरस के लक्षण

मारबर्ग वायरस के लक्षण इबोला वायरस के समान होते हैं। WHO के अनुसार, इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं:

1. तेज बुखार

2. तीव्र सिरदर्द

3. मांसपेशियों में दर्द

4. गले में खराश

5. उल्टी और दस्त

6. त्वचा पर चकत्ते (Rashes)

7. आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding)

8. अंगों का फेल होना (Organ Failure)

 

गंभीर मामलों में, नाक, आंख, मुंह, या योनि से रक्तस्राव होने लगता है। यह स्थिति मरीज की जान को खतरे में डाल सकती है। संक्रमित व्यक्ति में अचानक वजन घटने, मानसिक भ्रम (Mental Confusion) और अन्य गंभीर लक्षण भी विकसित हो सकते हैं।

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मारबर्ग वायरस का उपचार

 

मारबर्ग वायरस के लिए फिलहाल कोई सटीक उपचार या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। संक्रमित व्यक्ति का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में निम्न उपचार दिए जाते हैं:

1. ब्लड प्रोडक्ट्स (Blood Products): रक्तस्त्राव रोकने और मरीज की स्थिति स्थिर करने में मदद करते हैं।

2. इम्यून थैरेपी (Immune Therapy): रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दी जाती है।

3. सहायक दवाएं (Supportive Medications): संक्रमण और दर्द को कम करने के लिए दी जाती हैं।

 

हालांकि, एक संभावित वैक्सीन विकसित करने का कार्य अभी प्रारंभिक चरण में है। इस वायरस की अत्यधिक घातक प्रकृति के कारण संक्रमित व्यक्ति की स्थिति बहुत जल्दी गंभीर हो सकती है।

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मारबर्ग वायरस से बचाव के उपाय

 

मारबर्ग वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यह शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित हो सकता है। इससे बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी आवश्यक हैं:

1. संक्रमित क्षेत्रों की यात्रा से बचें: उन क्षेत्रों में न जाएं जहां मारबर्ग वायरस का प्रकोप है।

2. सोशल डिस्टेंसिंग: संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखें।

3. मास्क का उपयोग करें: संक्रमण के खतरे को कम करने में सहायक।

4. स्वच्छता का ध्यान रखें: हाथों को बार-बार साबुन से धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

5. सीधे संपर्क से बचें: संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में न आएं।

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मारबर्ग वायरस एक गंभीर और घातक बीमारी है, जो तेजी से फैल सकती है। इस वायरस से बचने के लिए सतर्कता और उचित स्वच्छता का पालन बेहद जरूरी है। फिलहाल, इसका कोई सटीक इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसके संक्रमण से बचाव ही सबसे प्रभावी तरीका है। वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों और सरकारों को मिलकर इस वायरस की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में महामारी जैसी स्थिति से बचा जा सके।

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Prachi Jain

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