India News (इंडिया न्यूज), Effect on The Body: भावनात्मक टूटन, उदासी और तनाव न केवल वर्तमान समय में लोगों को प्रभावित करते हैं बल्कि इसका असर लंबे समय तक रहता है। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इसका नकारात्मक प्रभाव कई बार शरीर पर भी दिखाई देता है। जब आप सामान्य से अधिक तनाव लेते हैं या किसी बात को लेकर गहरे दुख में डूबे रहते हैं, तो आपके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी पावर कमजोर होने लगती है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक और ब्लड क्लॉटिंग जिसे हम ब्लड क्लॉटिंग भी कहते हैं, की संभावना बढ़ जाती है। कई बार इसकी वजह से शरीर में सूजन भी आ जाती है।
खून का थक्का जमना
एनबीटी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक शोक में रहने से दिमाग पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है। कई बार दिमाग की नसों में खून का थक्का जमने की समस्या भी सामने आ सकती है। ऐसे में कई बार लगातार तेज सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन की समस्या
जब लोग बहुत ज़्यादा तनावग्रस्त या उदास होते हैं, तो उनके शरीर में रक्त का प्रवाह तेज़ी से बढ़ जाता है। ऐसे में कई बार लोगों को बहुत जल्दी थकान होने की शिकायत होती है। इसके कारण उनकी त्वचा बहुत ज़्यादा रूखी हो जाती है।
पाचन संबंधी समस्याएं
कई बार जब लोग बहुत ज़्यादा दुखी होते हैं, तो उनकी पाचन शक्ति पर भी असर पड़ता है। उनकी पाचन प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है। ऐसे में खाना पचने में काफ़ी समय लगता है। कई बार लोगों को जी मिचलाने या भूख न लगने की शिकायत भी हो सकती है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।