इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
35-40 साल के बाद आंखों से धुंधला दिखाई देना आम माना जाता है। लोग यही समझते हैं कि कम दिखाई देता है तो यह उम्र का प्रभाव है लेकिन कई बार इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं। चिकित्सक का मानना है कि अगर आंखों से धुंधला दिखाई देता है तो यह डायबिटीज के भी कारण हो सकता है। अक्सर जो लोग डायबिटिक होते हैं, वे आंखों से संबंधित शिकायत करते हैं। वह किसी भी चीज को साफ देखने में असमर्थ हो जाते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से अधिकांश लोग इस तरह की समस्या के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाते। उन्हें लगता है कि यह उम्र का प्रभाव है। डायबिटिक लोगों में आंखों से धुंधलापन दिखाई देने की सबसे बड़ी वजह ब्लड शुगर के स्तर का अनियंत्रित होना है। यह रेटिना में मौजूद प्रकाश संवेदी उतकों तक पहुंचने वाले खून की नलिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है। इसलिए यह जरूरी है कि डायबिटिक लोग ब्लड शुगर के स्तर को हमेशा संतुलित रखें।
डायबिटीज के कारण आंखों की समस्या को रेटिनोपेथी कहा जाता है। इसके कारण आंखों का मसल्स फूल जाना, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा भी हो सकता है। डायबिटिक आई की पहचान इसके कुछ शुरुआती लक्षणों से की जा सकती है। ये हैं आंखों से धुंधला दिखाई देना, रंग को पहचानने में दिक्कत, रात को देखने में दिक्कत, आंखों के पास डार्क धब्बे इत्यादि है। कुछ ऐसे उपाय हैं जिसे अपना कर इसमें सुधार किया जा सकता है।