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प्रेगनेंसी के दौरान Covid Vaccine लगवाने से बच्चे में ट्रांसफर होती है एंटीबॉडीज

Sameer Saini • LAST UPDATED : September 25, 2021, 4:53 am IST

Covid vaccine: प्रेगनेंसी में कोविड-19 वैक्सीन न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि बच्चे के लिए भी फायदेमंद है। ये खुलासा एक अमेरिकन मैगजीन के शोध में हुआ है। रिसर्च से पता चला कि टीकाकरण करानेवाली प्रेगनेंट महिला से बच्चे में एंटीबॉडीज ट्रांसफर होती है। शोधकर्ताओं ने 36 नवजात का परीक्षण करने के बाद पाया कि सभी में मां के टीकाकरण से हाई लेवल एंटीबॉडीज मौजूद थी।

प्रेगनेंट महिला का टीकाकरण कराना बच्चे के लिए मुफीद (Covid Vaccine)

कोविड-19 से बचाव की खातिर मां ने प्रेगनेंसी के दौरान फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना की वैक्सीन इस्तेमाल किया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि रिसर्च के सैंपल का आकार छोटा है, लेकिन हौसला बढ़ानेवाला है और अगर प्रेगनेंट महिलाएं टीकाकरण करवाती हैं, तो नवजात का एंटीबॉजी लेवल ऊंचा होता है। ये रिसर्च अपनी तरह की पहली है जिसमें एंटीबॉडीज लेवल को जानने का प्रयास शामिल है। मां से बच्चे को जोड़ने वाली गर्भनाल में एंटीबॉडीज लेवल का मूल्यांकन महिलाओं के प्रेगनेन्ट रहते हुए किया गया था। ऐसा फर्क जानने के लिए किया गया कि क्या इम्यूनिटी पूर्व के संक्रमण से है या वैक्सीन से। शोधकर्ताओं ने माना कि नतीजा प्रासंगिक है क्योंकि कोविड-19 की वजह बननेवाला कोरोना वायरस के खिलाफ प्राकृतिक एंटीबॉडी रिस्पॉन्स बहुत लोगों में प्रयाप्त रूप से सुरक्षात्मक नहीं है।

मां से बच्चे में एंटीबॉडीज के ट्रांसफर होने का मिला सबूत

शोधकर्ता एशले रोमन ने कहा कि हमने उसका अनुमान नहीं लगाया था। हमें अधिक परिवर्तनशीलता देखने की उम्मीद थी। हमने इस डेटा को अपेक्षाकृत जल्दी सामने लाया है क्योंकि अनोखी खोज है और उसका महत्पूर्ण प्रभाव होगा। अभी हम सभी प्रेगनेंट महिलाओं को मातृत्व लाभ के लिए वैक्सीन लगवाने की सिफारिश कर रहे हैं। डेटा अधिक से अधिक प्रेगनेंट महिलाओं को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है। सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का 11 सितंबर के डेटा से पता चलता है कि 18-49 वर्षीय मात्र 30 फीसद प्रेगनेंट महिलाओं ने एमआरएनए वैक्सीन का इस्तेमाल किया है।

ये आंकड़ा जन्म से पहले वैक्सीन की सुरक्षा के बढ़ते सबूत के बावजूद है। सैंपल आकार को छोटा मानकर वैज्ञानिकों की टीम अब बड़े ग्रुप पर नतीजों को जानने की कोशिश कर रही है कि जन्म के बाद शिशु के लिए टीकाकरण कितना लंबा रहता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने मोमी-वैक्स नाम से रिसर्च शुरू किया है कि कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडीज उन लोगों में कब तक रहेगी जिन्होंने प्रेगनेंसी में टीकाकरण करवाया है। प्लेसेंटा और मां के दूध में शिशुओं को वैक्सीन से मिलनेवाली एंटीबॉडीज के ट्रांसफर का शोधकर्ता मूल्यांकन भी करेंगे।

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