India News (इंडिया न्यूज),Cancer Mechanism: साल 2050 तक दुनिया में हर 20 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कभी न कभी कैंसर से जूझना पड़ेगा। ये आंकड़ा बेहद डरावना है। कैंसर का आज तक कोई पूर्ण इलाज नहीं है। अगर कैंसर का शुरुआती दौर में पता चल जाए तो उसे दबा दिया जाता है लेकिन शरीर से पूरी तरह खत्म नहीं किया जाता। अगर शरीर का डिफेंस सिस्टम अच्छा है तो ये बाद में उभरता नहीं है लेकिन अगर आपका डिफेंस सिस्टम कमजोर है तो इसके दोबारा होने का खतरा उतना ही है जितना एक नए के होने का। तो फिर कैंसर जैसी बीमारी से बचने का उपाय क्या है? क्या इससे कोई बच नहीं सकता? आज हम जानेंगे कि कैंसर से बचने का सबसे अच्छा उपाय क्या है।

कैंसर क्यों होता है?

हर इंसान के शरीर में कार्सिनोजेन्स होते हैं। इसका मतलब है कि हर दिन हर इंसान के शरीर में हज़ारों कैंसर सेल्स बनते और मरते हैं। हर दिन हमारे शरीर का डिफेंस सिस्टम इन कैंसर सेल्स को खोजता है और उन्हें मारता है। अगर यह डिफेंस सिस्टम कमज़ोर हो तो ये सेल्स धीरे-धीरे अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं और कई सालों के बाद ये पूरी तरह से कैंसर सेल्स में बदल जाते हैं। कुछ मामलों को छोड़कर, इसके लिए हम खुद ही ज़िम्मेदार होते हैं। जब हम अपने व्यवहार, अपने गलत खान-पान और अपनी खराब लाइफ़स्टाइल से इन सेल्स को प्रताड़ित करना शुरू करते हैं तो इन सेल्स की संरचना बदलने लगती है। एक तरह से ये शरीर में आतंकवादियों की तरह बढ़ने लगते हैं। लेकिन हमारे शरीर में डिफेंस मैकेनिज्म के तौर पर इन आतंकवादियों को मारने के लिए एक सेना गश्त करती रहती है और उन्हें मार देती है। लेकिन अगर आप इन्हें ज़्यादा प्रताड़ित करते हैं तो ये सेल्स धीरे-धीरे इन सेनाओं को भी चकमा देने लगते हैं। इस अवस्था में भी शरीर आपको संकेत देता है कि अभी भी सुधरने का मौका है।

कैंसर से बचने के लिए क्या करें

कैंसर हमारी गलतियों की वजह से होता है। कुछ मामलों में जीन और पर्यावरण जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं। शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने का एक बहुत ही सरल उपाय है। एमएमएमएस यानी तीन एम और एस का पालन करें। इन तीन एम का मतलब है भोजन यानी स्वस्थ भोजन, दूसरे एम का मतलब है मूवमेंट यानी शरीर को गति में रखना और तीसरे एम का मतलब है माइंड यानी मन को खुश रखना, अंत में एस का मतलब है नींद यानी अच्छी नींद।

M-Meal-स्वस्थ भोजन

सबसे पहले खराब खाना खाना बंद करें। रिफाइंड, प्रोसेस्ड, ऑयली, पैकेज्ड फूड न खाएं। फास्ट फूड, जंक फूड, शराब, सिगरेट शरीर की कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदलने से रोकने वाले डिफेंस मैकेनिज्म को कमजोर करते हैं। हर मौसम में अपने आसपास उपलब्ध हरी सब्जियां खाएं। स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन। यानी ज्यादातर चीजें साबुत खाएं और स्वस्थ रहें। चावल, दाल, गेहूं हो, हल्का पकाकर खाएं, ताजा खाएं, मीठी चीजों को डाइट से हटा दें। हरी सब्जियां ज्यादा खाएं। खाने से पहले फाइबर युक्त चीजें खाएं ताकि पेट कोट हो जाए और अगर कुछ खराब खाना है भी तो उसका असर नहीं होगा। इसके लिए हर तरह का सलाद खाएं। चोकर वाले आटे की रोटियां खाएं। सब्जियों और दालों की मात्रा बढ़ाएं, ताजे फल खाएं। इससे बीपी, डायबिटीज, मोटापा कंट्रोल में रहेगा। ये सब कंट्रोल में रहेंगे तो कैंसर आपको छू भी नहीं पाएगा। बेहतर होगा कि आप इसे रात में न खाएं।

M-मूवमेंट

मूवमेंट का मतलब है कि आपके शरीर में हरकत होनी चाहिए। इसके लिए भारतीय योग सबसे अच्छा है। जितना हो सके योग करें। इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहेंगे। सुबह योग और ध्यान दोनों करें। जितना हो सके टहलें। रोजाना टहलें, दौड़ें। साइकिल चलाएं। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग ज्यादा फायदेमंद है। यानी ऐसे व्यायाम जो आपके शरीर पर दबाव डालें। जैसे किसी भारी चीज को जोर से अपनी ओर खींचना, किसी भारी चीज को ऊपर उठाना, वजन उठाना आदि। कोई भी व्यायाम करें, संतुलन में करें, सुबह व्यायाम जरूर करें। खाने के बाद 10 मिनट टहलें।

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M-माइंड

हमारा मन चंचल होता है। इसे नियंत्रित करना जरूरी है। अगर आप अपने मन को बांध लेंगे, अपने मन को नियंत्रित कर लेंगे और खुश रहना सीख जाएंगे, तो समझ लीजिए कोई बीमारी आपको छू नहीं पाएगी। चेतन अवस्था में मन की सहजता, सरलता और तरलता ही मन को बेहतर बना सकती है। इसलिए मन में आने वाले किसी भी नकारात्मक विचार को रोकें। वर्तमान में जीना सीखें। अपने मन में बहुत सारी बातें न आने दें। परिवार और समाज से ज्यादा बात करें। दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करें। नकारात्मक लोगों से दूर रहें। हमेशा सकारात्मक रहें। हर व्यक्ति के जीवन में परेशानियाँ होती हैं, उन्हें हंसी-मज़ाक से दूर करें। मन को शांत रखने के लिए योग और ध्यान बहुत फ़ायदेमंद है।

S- sleep-शांति से सोएँ

कैंसर से दूर रहने के लिए शांत नींद बहुत ज़रूरी है। रात को बच्चों की तरह शांति से सोएँ। ऐसे उपाय करें कि आप बार-बार न जागें। रात में एक बार से ज़्यादा न उठें। सोने से पहले बिस्तर को अच्छी तरह से साफ़ करें। सोने से दो घंटे पहले किसी भी तरह का स्क्रीन टाइम बंद कर दें। वाई-फ़ाई बंद कर दें। सभी सिग्नल बंद कर दें। खिड़की से पर्दे हटा दें ताकि सुबह की पहली किरण आपके कमरे में पड़े। अगर आप शांति से सोएँगे तो ज़्यादातर बीमारियाँ आपके शरीर को छू भी नहीं पाएंगी।

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