India News (इंडिया न्यूज़), cholesterol control: कई लोग कम शारीरिक गतिविधि करते हैं और जिनकी जीवनशैली खराब होने के साथ-साथ गलत खान-पान की आदतें होती हैं, वे आसानी से हाई बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की समस्या को खुद से दूर रखना जरूरी है। वरना हम कई अन्य गंभीर बीमारियों का भी शिकार हो सकते हैं। कुछ खाद्य पदार्थों में वसा की मात्रा अधिक होती है, जिसके अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जिसे हाई कोलेस्ट्रॉल कहते हैं।
जब शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है, तो रक्त वाहिकाओं में फैट जमा होने लगता है और इससे आपकी धमनियों में रक्त प्रवाह में समस्या होने लगती है। वहीं, जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त ठीक से नहीं पहुंच पाता है, तो हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण हम हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी शिकार हो सकते हैं।
डॉक्टर दवाइयों की मदद से कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर जीवनशैली अच्छी न हो तो इन दवाओं का असर भी धीरे-धीरे कम हो जाता है। अगर आप खराब कोलेस्ट्रॉल की समस्या को जड़ से खत्म करना चाहते हैं तो जीवनशैली में कुछ छोटे-छोटे बदलाव आपके जीवन में कारगर साबित हो सकते हैं। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
इस बीमारी को खुद से दूर रखना जरूरी है। नहीं तो हम कई अन्य गंभीर बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हाई ब्लड प्रेशर और अधिक वजन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल के अपने आप में कोई खास लक्षण नहीं होते। ऐसे में 20 या उससे अधिक उम्र के लोगों को हर 5 साल में कम से कम एक बार अपने रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करानी चाहिए। अगर आपके परिवार के किसी सदस्य को उच्च कोलेस्ट्रॉल का आनुवंशिक इतिहास है, तो डॉक्टर आपको नियमित कोलेस्ट्रॉल परीक्षण करवाने की सलाह भी दे सकते हैं।
हमारे शरीर में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है। एक अच्छा कोलेस्ट्रॉल और दूसरा खराब कोलेस्ट्रॉल। इसे हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया या हाइपरलिपिडिमिया और हाई कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। अंडे, दूध, मांस, पनीर और मक्खन जैसे पशु खाद्य पदार्थों के साथ संतृप्त वसा का सेवन करने से हाई कोलेस्ट्रॉल हो सकता है। पैकेज्ड फूड जैसे बिस्कुट, नमकीन और चिप्स का सेवन भी हाई कोलेस्ट्रॉल के कारणों में से एक है। अधिक वजन के कारण भी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। शारीरिक गतिविधि न करने वाले लोगों के शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ सकता है। हाइपोथायरायडिज्म और किडनी लिवर जैसी बीमारियों से भी हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ सकता है। धूम्रपान और शराब के सेवन से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
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भले ही आप कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को कम करने के लिए दवाएँ ले रहे हों, लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलाव आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। अगर आप कोलेस्ट्रॉल को हमेशा नियंत्रण में रखना चाहते हैं, तो सेहतमंद खाना खाएं। अपने आहार में टैपिओका, बाजरा, लीन प्रोटीन, फल, सब्ज़ियाँ आदि शामिल करें। अपने आहार में बादाम, अखरोट, एवोकाडो, अलसी के बीज और मछली जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। संतुलित आहार कोलेस्ट्रॉल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने आहार में केवल उन्हीं खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिनमें ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट कम हो।
इसके साथ ही फाइबर युक्त सब्जियां, साबुत अनाज और फलों का सेवन करें। ये सभी चीजें हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हैं। अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिए राजमा, अंकुरित अनाज, नाशपाती, सेब, दलिया जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें। दलिया भी फाइबर का अच्छा स्रोत है। यह आसानी से पच जाता है और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। नाश्ते में ओट्स या दलिया खाएं।
व्यायाम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियाँ हमसे दूर भागती हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए नियमित व्यायाम करना फायदेमंद माना जाता है। रोजाना कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें। साइकिल चलाना, पैदल चलना, दौड़ना जैसी कार्डियो एक्सरसाइज करना आपके लिए बेहतर साबित होगा। खून में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने के लिए आप ब्रिस्क वॉक, एरोबिक्स, डांस और रस्सी कूदने जैसे खेलों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। शारीरिक गतिविधि कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होती है। शारीरिक गतिविधि से दूर भागने वालों की नसों में फैट जमा होने लगता है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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