Corona’s Delta Strain In patients infected with antibodies, twice as many antibodies as before
Corona’s Delta Train : देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई है, हालांकि अभी कोरोना संक्रमण के मामले नियंत्रण में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब तीसरी लहर नहीं आएगी। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर कभी भी अपना असर दिखा सकती है लेकिन दूसरी लहर के दौरान जो भी लोग कोरोना से संक्रमित हुए उनके शरीर में जिस तरह से एंटीबॉडी विकसित हुई है उसका ही परिणाम है कि कोरोना संक्रमण का असर अभी उतना दिखाई नहीं पड़ रहा है जितनी आशंका की गई थी।
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- Corona’s Delta Strain : एक सर्वे में पता चला है कि कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन से संक्रमित हुए लोगों में पहली लहर में संक्रमित हुए लोगों के मुकाबले दो गुना एंटीबॉडी मिली हैं। इन मरीजों में 1000 आईयू/एमएल तक एंटीबॉडी पाई गईं है। बता दें कि पहली लहर में संक्रमित हुए लोगों में अधिकतम 500 आईयू/एमएल तक ही एंटीबॉडी बनी थीं। ये सर्वे उन लोगों पर किया गया है जिन्होंने अभी तक टीका नहीं लगवाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर ने बताया कि अप्रैल और मई में संक्रमित 121 लोगों की एंटीबॉडी की जांच की गई थी। ये वो लोग हैं, जिन्होंने अभी तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। इन लोगों में से 63 में 100 से 1000 आईयू/एमएल (इंटरनेशनल यूनिट प्रति मिलीलीटर) एंटीबॉडी मिली थीं।
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Corona’s Delta Strain : सर्वे में शामिल लोगों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वह गंभीर संक्रमण की चपेट में आ गए थे। दूसरी लहर में ही कोरोना वायरस के डेल्टा स्ट्रेन की पुष्टि भी हुई थी। दूसरी लहर के दौरान कोरोना से संक्रमित मरीजों में पहली लहर में संक्रमित हुए लोगों की तुलना में दोगुना एंटीबॉडी बनी है। पहली लहर के दौरान कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों में अधिकतम 100 से 500 आईयू/एमएल एंटीबॉडी पाई गई थी। एसएन मेडिकल कॉलेज ने अब तक 2,580 लोगों की एंटीबॉडी की जांच की है।
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जांच में पाया गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित होकर ठीक होने के बाद टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों में 10 से 25 हजार आईयू/एमएल एंटीबॉडी पाई गई है। वहीं जो लोग कोरोना से संक्रमित नहीं हुए थे और दोनों डोज लगवा चुके हैं उनमें 2000 से 10 हजार आईयू/एमएल एंटीबॉडी पाई गई है। जांच में पता चला है कि पहली लहर में संक्रमित होने के 12 महीने बाद भी लोगों में एंटीबॉडी बनी हुई हैं।
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