India News(इंडिया न्यूज),Side Effects of Covishield Vaccine: कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा लंदन की एक अदालत में साइड इफेक्ट की बात स्वीकार करने के बाद भारत में लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने कोरोना संक्रमण से खुद को बचाने के लिए वैक्सीन की खुराक ली थी। इस बीच देश के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिटेन में कोविड-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के प्रतिकूल प्रभाव की खबरों से आम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसे टीकों की वजह से लोगों की जान बची है।
दिवंगत प्रणब मुखर्जी समेत देश के तीन राष्ट्रपतियों के निजी चिकित्सक रह चुके डॉ. मोहसिन वली ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी यूनीवार्ता से विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी के आपातकाल के दौरान अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए कम समय में शोध के जरिए तैयार किए गए टीकों में से एक ‘कोविशील्ड’ के साइड इफेक्ट की पुष्टि नहीं हुई है और इस बारे में कोई शोध सामने नहीं आया है।
डॉ. वली ने कहा, “मेरा मानना है कि ब्रिटेन में वैक्सीन को लेकर जो कुछ हो रहा है, उसे लोगों को अपने देश से नहीं जोड़ना चाहिए। वह कोर्ट और मुआवजे का मामला है। मेरा कहना है कि इसने कई लोगों की जान बचाई है। अगर साइड इफेक्ट की बात करनी है तो यह दुर्लभ मामलों में कहा जाता है। वैज्ञानिक किसी भी वैक्सीन को उसके गुण-दोष के आधार पर सुरक्षित मानते हैं। अगर कोई वैक्सीन लाखों लोगों की जान बचाती है और कुछ लोगों पर उसका कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो उसके गुण-दोष के आधार पर उसे सुरक्षित माना जाता है और लाखों लोगों की जान बच जाती है।”
उन्होंने कहा, “अगर भारत में किसी ने कोविशील्ड या कोवैक्सिन लगवाई और अब तक उन्हें कुछ नहीं हुआ तो वे सुरक्षित हैं, क्योंकि अगर इसका किसी तरह का साइड इफेक्ट होता तो अब तक हो चुका होता। हाल ही में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पुष्टि की है कि हमारी दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और अगर भविष्य में कुछ होता है तो उस पर शोध चल रहा है।”
उन्होंने कहा, “लॉन्ग कोविड का असर जरूर देखने को मिल रहा है जिसमें ब्रेन फॉग, मेमोरी लॉस आदि है। इसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता। यह पता लगाना मुश्किल है कि थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) वैक्सीन की वजह से होता है या कोविड की वजह से। क्योंकि टीटीएस के मामले उन लोगों में भी देखे गए जिन्हें कोविड हुआ था। मेरे क्लीनिक में करीब चार हजार कोविड मरीजों का इलाज हुआ जिसका दस्तावेजीकरण हो चुका है, अब उनमें लॉन्ग कोविड का असर देखने को मिल रहा है। मेरे पास आए एक मरीज के पैर में टीटीएस था। टीटीएस को कोविड और वैक्सीन से जोड़ने के लिए शोध की जरूरत है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।”
गंगाराम अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव पासे ने भी माना है कि देश में कोविशील्ड से इस तरह के साइड इफेक्ट के मामले न के बराबर हैं। जिन्हें कोविड हुआ है या जिन्होंने कोविड की कोई वैक्सीन ली है, उन्हें समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। दिल से जुड़ी सभी जांच छह महीने के नियमित अंतराल पर जरूरी हैं। यह जांच सिर्फ कोविड या वैक्सीन के साइड इफेक्ट के लिए ही जरूरी नहीं है बल्कि आज के बदलते दौर में जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण स्वास्थ्य पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। कोविड से ठीक हो चुके लोगों को अचानक भारी व्यायाम, जिमिंग आदि नहीं करना चाहिए।
पांच साल के अंदर इतनी फीसदी बढ़ी हेमंत सोरेन की संपत्ति, रिपोर्ट में खुलासा-Indianews
डॉ. पासे ने कहा, “सुबह और शाम की सैर और हल्का व्यायाम अच्छे स्वास्थ्य की दिशा में एक कदम हो सकता है।” गौरतलब है कि कोविशील्ड की जांच के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि कोविशील्ड के दुष्प्रभावों की जांच के लिए विशेषज्ञ पैनल बनाने के निर्देश जारी किए जाएं। भारत में पहली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड है। इसे पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। कोविशील्ड का फॉर्मूला ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका से लिया गया है। एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में माना है कि उसकी वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
डॉ. वली पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण के करीबी सहयोगी हैं और शंकर दयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी के निजी चिकित्सक रह चुके हैं। भारत के राष्ट्रपति के चिकित्सक के रूप में उनकी पहली नियुक्ति 33 वर्ष की आयु में वेंकटरमण के साथ हुई थी, जिससे वे किसी भारतीय राष्ट्रपति की सेवा करने वाले सबसे कम उम्र के चिकित्सक बन गए। वे भारत के तीन राष्ट्रपतियों की सेवा करने वाले एकमात्र चिकित्सक हैं। सरकार ने भारतीय चिकित्सा में उनके योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्म श्री से सम्मानित किया।
India News (इंडिया न्यूज),Dhanushkodi's Railway: मोदी सरकार की विरासत के साथ विकास की पहल का सार्थक…
India News(इंडिया न्यूज)Saif Ali Khan Attacked: एक्टर सैफ अली खान पर हमले के मामले में…
India Champions Trophy Squad: लंबे इंतजार के बाद BCCI ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए…
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 में भारतीय संस्कृति और आस्था का अद्भुत…
India News (इंडिया न्यूज),Maha Kumbh 2025: देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु इन दिनों प्रयागराज…
Uttar Pradesh Murder Case: अपने 1 करोड़ की इंश्योरेंस पॉलिसी में नॉमिनी बना गई अपना…