India News (इंडिया न्यूज), CT Scan Allergy:  कभी कभी अचानक ही कुछ ऐसा हो जाता है जिसके बारे में इंसान दूर-दूर तक भी नहीं सोच पाता है। दरअसल, ब्रिटेन के नॉर्थम्प्टन जनरल हॉस्पिटल में सीटी स्कैन के दौरान एक महिला की दुर्लभ एलर्जी के कारण मौत हो गई। 66 वर्षीय इवोन ग्राहम को पेट में सूजन की जांच के लिए स्कैन के लिए भेजा गया था, लेकिन स्कैन से पहले दी गई विशेष डाई (रंगद्रव्य) उनके लिए घातक साबित हुई। इस अप्रत्याशित घटना से डॉक्टर भी हैरान रह गए हैं।

कार्डियक अरेस्ट से गई जान

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इवोन ग्राहम को तीसरे चरण की किडनी बीमारी थी। उनकी बेटी योलांडा का आरोप है कि इस स्थिति में उन्हें डाई नहीं दी जानी चाहिए थी। जैसे ही यह डाई उनके शरीर में इंजेक्ट की गई, उनकी सांसें अचानक तेज चलने लगीं और कुछ ही पलों में उन्हें कार्डियक अरेस्ट आ गया। डॉक्टरों ने तुरंत बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

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ऑटोप्सी रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

करीब दस महीने बाद परिवार को मिली ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला कि इवोन की मौत ‘एनाफिलेक्टिक रिएक्शन’ के कारण हुई थी। यह एक तीव्र एलर्जिक प्रतिक्रिया होती है, जो शरीर के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि उनके शरीर ने सीटी स्कैन के दौरान दी गई डाई के प्रति असामान्य और घातक प्रतिक्रिया दी, जिससे उनकी हालत तेजी से बिगड़ गई। डॉक्टर इस एलर्जी की पुष्टि के लिए कुछ टेस्ट करने की योजना बना रहे थे, लेकिन समय रहते ये टेस्ट नहीं हो सके। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या अगर पहले ही एलर्जी का पता चल जाता, तो इवोन की जान बच सकती थी?

परिवार ने अस्पताल पर उठाए सवाल

इवोन की बेटी योलांडा ने अस्पताल की लापरवाही पर कड़ा ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि अगर स्कैन रूम में एपिपेन (Anaphylaxis के इलाज के लिए दिया जाने वाला इंजेक्शन) मौजूद होता, तो उनकी मां की जान बचाई जा सकती थी। इसके अलावा, उन्होंने अस्पताल पर यह भी आरोप लगाया कि परिवार को मौत की सही वजह जानने में पूरे दस महीने लग गए, जो पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। योलांडा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “इतना समय क्यों लगा? ये बेहद दुखद और चौंकाने वाला है।”

अस्पताल प्रशासन ने जताया दुख

नॉर्थम्प्टनशायर यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स की मुख्य नर्स जूली हॉग ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और परिवार के प्रति संवेदनाएं जताईं। उन्होंने माना कि अस्पताल परिवार को समय पर उचित जानकारी नहीं दे पाया, जिससे उनकी तकलीफ और बढ़ गई। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। आमतौर पर सीटी स्कैन को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह दुर्लभ मामला मेडिकल क्षेत्र के लिए एक अहम चेतावनी है।

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