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Eye Bleeding Virus: फ्रांस में फैला ‘खूनी वायरस’, इन देशों में मचा कोहराम

India News(इंडिया न्यूज), Eye bleeding virus found in FRANCE: आंखों से खून बहाने वाला वायरस इन दिनों फ्रांस में कहर बरपा रहा है। ये वायरस पहली बार फ्रांस में ही पाया गया है। इस वायरस को ‘किलर’ कहा जा रहा है। इसकी वजह ये है कि इस वायरस के संक्रमित 10 में से 4 मरीजों की मौत हो जाती है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी अधिकारियों ने स्पेनिश सीमा पर किए गए परीक्षणों में इस वायरस का पता लगाया।

इस वायरस को हाल ही में उत्तर-पूर्व स्पेन की सीमा से सटे पाइरेनीस ओरिएंटेल्स के टिक्स में पाया गया था। इस वायरस को क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) नाम दिया गया है। ये टिक-जनित वायरस ((Tick-Borne Virus)) है, जो गर्म जलवायु वाले स्थानों में पाया जाता है।

पूर्व में फैला ये वायरस

जुलाई में, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह बीमारी अपने सामान्य क्षेत्रों से बाहर निकलकर यूनाइटेड किंगडम (UK) और फ्रांस की ओर बढ़ सकती है। साल 2016 से 2022 के बीच स्पेन में इस बीमारी के 7 मामले आ चुके हैं। इनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है।

जल्द ही UK तक पहुंच सकता ये वायरस

विज्ञान समिट के दौरान कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा के प्रमुख प्रोफेसर जेम्स वुड ने कहा कि सीसीएचएफ (CCHF), ‘कभी भी टिक्स (किड़ा) के माध्यम से” ब्रिटेन तक पहुंच सकता है, वहीं द सन अखबार से बात करते हुए, लिवरपूल विश्वविद्यालय में एवियन संक्रमण और प्रतिरक्षा के प्रोफेसर पॉल विगले ने सहमति जताते हुए कहा कि प्रोफेसर वुड की भविष्यवाणी सच है और यह बग (किड़े) के माध्यम से जल्द ही यूके तक पहुंच सकता है।

फिलहाल कोई इलाज नहीं

विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी के इलाज के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इम्यूनिटी बूस्ट कर और सावधानी बरतकर ही इस वायरस से बचा जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, फ्रांस की यात्रा करने वाले लोगों को ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने आगाह किया है और उन्हें टिक से बचने की सलाह दी है। खासकर उस स्थान पर जहां क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) वायरस का पता चला था।

कहा जा रहा है कि फ्रांस में पहले भी लोगों में क्रीमियन-कांगो रक्तस्राव बुखार (CCHF) के मामले पाए गए हैं, लेकिन ये सभी मामले बाहर देशों से आए लोगों में पाए गए थे। CCHF मुख्य रूप से हायलोमा मार्जिनेटम नाम के टिक के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो लगभग 5 मिमी लंबा होता है।

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Rajesh kumar

राजेश कुमार एक वर्ष से अधिक समय से पत्रकारिता कर रहे हैं। फिलहाल इंडिया न्यूज में नेशनल डेस्क पर बतौर कंटेंट राइटर की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले एएनबी, विलेज कनेक्शन में काम कर चुके हैं। इनसे आप rajeshsingh11899@gmail.com के जरिए संपर्क कर सकते हैं।

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