India News, (इंडिया न्यूज),Depressive disorder:आज के दौर में डिप्रेशन, चिंता और दूसरे इमोशनल स्ट्रेस सुनने में आम हो चुके हैं और डिप्रेशन और एनज़ाइटी अब एक बहुत महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। लेकिन आज से कुछ समय पहले तक लोग मांनसिक रोगों या मांनसिक समस्याओं को मजाक में टाल दिया करते थे। तो क्या आप भी मांनसिक समस्याओं, एंग्जाईटी, डिप्रेशन, तनाव आदि से जूझ रहे हैं और इस सबसे बाहर निकलने का सही तरीका खोज रहें हैं। तो आइये जानते हैं कैसे रख सकते हैं आप अपना ध्यान।

क्या है डिप्रेशन ?

डिप्रेशन एक सामान्य मांनसिक विकार है। विश्व स्तर पर, अनुमानित 5% वयस्क डिप्रेशन से पीड़ित हैं। यह आपके महसूस करने, सोचने और व्यवहार करने के तरीके को प्रभावित करता है और विभिन्न प्रकार की भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसके कारण आपको दिन-प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियाँ करने में परेशानी हो सकती है, और कभी-कभी आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि जीवन जीने लायक ही नहीं है।

कामकाज के प्रेशर, आगे निकलने की होड़, और फैमिली टाइम को मैनेज करने के बीच लोग बहुत संघर्ष करते दिखा रहे हैं। वहीं खुद को पिछड़ता देख और तुलनात्मक नजरिया के कारण लोग कई तरह की मांनसिक समस्याओं को शिकार भी होते जा रहे हैं।

Depression

कैसे करें सेल्फ केयर –

सबसे ज्यादा जरूरी है मानसिक तौर पर मजबूत होना। अगर आप मेंटली हेल्दी हैं तो आप चीजों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे और निर्णय ले पाएंगे और इमोशनल हेल्थ बनाए रखना परिवार के लिहाज से भी जरूरी है। क्योंकि इसी के कारण आप अपनी और परिवार की जरूरतों और सुरक्षा को लेकर प्रतिक्रिया कर पाएंगे। अपनी इमोशनल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है।

आप क्या कर सकते हैं:

  • उन गतिविधियों को जारी रखने का प्रयास करें जिनमें आपको पहले बहुत आनंद आता था।
  • मित्रों और परिवार से जुड़े रहें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें, भले ही यह थोड़ी पैदल दूरी ही क्यों न हो।
  • जितना संभव हो सके नियमित खाने और सोने की आदतों पर कायम रहें।
  • शराब से बचें और अवैध दवाओं का उपयोग न करें, जो डिप्रेशन को और बिगाड़ सकती हैं।
  • अपनी भावनाओं के बारे में किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आपको भरोसा है।
  • किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सहायता भी ले सकते हैं।

यदि आपके मन में आत्महत्या के विचार आते हैं:

  • याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं, आप किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं और किसी थेरेपिस्ट से ज़रूर मिलें उससे आपको काफी मदद मिलेगी।
  • किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे डॉक्टर या परामर्शदाता से बात करें।
  • किसी सहायता समूह में ज़रूर शामिल हों।
  • यदि आपको लगता है कि आप खुद को नुकसान पहुंचाने के तत्काल खतरे में हैं, तो किसी भी उपलब्ध आपातकालीन सेवाओं या संकट रेखा से संपर्क करें।

कई बार छोटी-मोटी समस्याओं पर भी व्यक्ति तनाव लेने लगता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आपके सामने अगर कोई परेशानी आए तो आप उसका डटकर सामना करें। इसके अलावा यह बेहद जरूरी है कि आप अपने-आप से बात करें।

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