India News (इंडिया न्यूज),Diabetes:पिछले 10 सालों में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में शुगर से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। जिसका कारण बिगड़ती जीवनशैली को माना जा रहा है। डायबिटीज दो तरह की होती है। टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। अब आपको यह समझने की जरूरत है कि टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज में क्या अंतर है और इसके क्या कारण हैं?
टाइप 1 डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है। इसमें पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। जिसके कारण शरीर इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा देने के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने में मदद करता है। आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से शरीर को ग्लूकोज मिलता है। इंसुलिन का काम रक्त से ग्लूकोज को आपके शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाना है। जब कोशिकाओं में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज होता है, तो आपका लिवर और मांसपेशियों के ऊतक अतिरिक्त ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में स्टोर कर लेते हैं। जिसका उपयोग शरीर ऊर्जा के लिए करता है।
Diabetes
किस उम्र के लोगों को टाइप 1 डायबिटीज का खतरा ज़्यादातर युवाओं में होता है। टाइप 1 डायबिटीज का खतरा 4 से 7 साल और 10 से 14 साल के युवाओं में सबसे ज़्यादा होता है। अगर इसके कारणों की बात करें तो जेनेटिक यानी परिवार में किसी को डायबिटीज़ होना, किसी वायरस के संपर्क में आना और कुछ मामलों में पर्यावरण से जुड़े कारक भी इसके लिए ज़िम्मेदार होते हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि ठंडी जगहों पर रहने वाले लोगों को टाइप 1 डायबिटीज़ का ख़तरा ज़्यादा होता है।