India News (इंडिया न्यूज), Diabetic Patients: भारत में डायबिटीज (मधुमेह) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, और इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 1980 में जहां शुगर के मरीजों की संख्या एक करोड़ थी, वहीं 2014 में यह आंकड़ा छह करोड़ तक पहुंच चुका था। कोरोना महामारी के पहले सात करोड़ तक का आंकड़ा देखा गया, और अब यह संख्या 20 करोड़ तक पहुँच गई है। कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन के 9वें अधिवेशन में विशेषज्ञों ने इस बढ़ती समस्या पर चर्चा की और शुगर के इलाज तथा बचाव के उपायों पर जोर दिया।
आम तौर पर यह माना जाता है कि चीनी के बजाय गुड़, छेने के रसगुल्लों को निचोड़कर खाने से शुगर नहीं होती, या फिर उबाल कर चावल खाने से यह कम घातक होती है। यह भ्रांति आज भी अधिकांश भारतीयों के मन में है, और यही गलतफहमी शुगर रोगियों की संख्या में वृद्धि का कारण बन रही है।
श्रीनगर मेडिकल संस्थान के डॉ. अब्दुल हामिद जरगर ने मोटापे और डायबिटीज के बीच संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि जितना कम खाया जाए, शरीर उतना बेहतर ढंग से कार्य करता है। सही खानपान और शारीरिक गतिविधि के माध्यम से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
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डॉ. सरिता बजाज ने गर्भावस्था के दौरान शुगर को नियंत्रित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर गर्भावस्था में शुगर को नियंत्रित न किया जाए, तो यह गर्भस्थ शिशु के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। साथ ही, गर्भावस्था के बाद वजन घटाना आवश्यक है।
भोपाल के डॉ. पीसी मनोरिया ने उन दवाओं के बारे में बताया जो शुगर के मरीजों के दिल की सेहत को नुकसान नहीं पहुंचातीं। दिल्ली के डॉ. केपी मिश्रा ने शुगर के मरीजों में संक्रमण के बारे में जानकारी दी, जिसे ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
दिल्ली के डॉ. रंदीप वाधवान ने मेटाबॉलिक सर्जरी के फायदों के बारे में बताया, खासकर उन मरीजों के लिए जिनकी दवाएं असरदार नहीं हो रही हैं। मोटे लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
डॉ. हामिद जरगर ने कहा कि शुगर सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह हार्ट, किडनी और लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि आजकल लोग जो चाहें खा लेते हैं, जिससे पेट डस्टबिन की तरह भर जाता है और विभिन्न बीमारियाँ जन्म लेती हैं।
डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए खानपान, शारीरिक गतिविधि और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। हमें अपनी जीवनशैली में सुधार लाने की आवश्यकता है, ताकि हम इस बढ़ती समस्या से बच सकें।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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