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Disadvantages Of Drinking Too Much Decoction अधिक काढा पीने से लोग हो रहे इस बीमारी का शिकार

Disadvantages Of Drinking Too Much Decoction

Corona से बचने के लिए ज्यादा काढ़ा पीना भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। देश में बीते कुछ महीनों से अस्पतालों के ओपीडी में किडनी और लीवर की बीमारी से ग्रस्त मरीजों की संख्या अचानक से ही बढ़ने लगी है। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में किडनी के मरीजों की संख्या पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ गई है। देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी मेडिसन ओपीडी में खासकर यूरिन से संबंधित रोगी ज्यादा आने लगे हैं। यही हाल दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल एलएनजेपी का भी है। कई राज्यों के प्रमुख अस्पतालों में भी किडनी और लीवर की समस्या ले कर मरीज आ रहे हैं।

बता दें कि Corona के कहर और उसके खौफ को देखते हुए में काढ़ा का सेवन ज्यादा हो रहा है। तकरीबन हर घर में लोग काढ़ा पी रहे हैं। आयुर्वेद में काढ़ा पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में पीने से शरीर के लिए यह नुकसानदेह साबित हो रहा है। इसी को ध्यान में रख कर डॉक्टरों ने कोरोना से बचने के लिए ज्यादा काढ़ा पीने वालों के लिए सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।

किडनी की बीमारी बढ़ने में काढ़ा का कितना योगदान

डॉक्टरों के मुताबिक, बेवजह immunity booster का सेवन करने से शरीर में बदन दर्द और बैचेनी की शिकायत वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ज्यादातर मरीजों में सीरम क्रिएटनिन का लेवल बढ़ने से किडनी डैमेज होने लगा है। किडनी रोग के जानकार डॉ राजेश कुमार कहते हैं, काढ़े की तासीर गर्म होती है और इसे बहुत ज्यादा पीने की वजह से मुंह और पेट में छाले की समस्या शुरू हो सकती है। काढ़े में दालचीनी, गिलोय, काली मिर्च जैसी चीजों के ओवरडोज की वजह से पेट में दर्द, सीने में जलन या एसिडिटी जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। समय पर अगर इसका इलाज शुरू नहीं किया गया तो किडनी डैमेज होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। लीवर के लिए भी ज्यादा काढ़ा का सेवन हानिकारक है।

अधिक मात्रा में काढ़ा पीने से ये साइड इफेक्ट हो सकते हैं

अधिक मात्रा में काढ़ा पीने से नाक से खून आना, खट्टी डकार आना और यूरिन में परेशानी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। खासकर urine में संक्रमण आने से किडनी की भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। वे लोग, जिन्हें पहले से हार्ट संबंधित बीमारी है और खून पतला करने वाली दवा खाते हैं उनको ज्यादा काढ़ा के सेवन से शरीर के अंदर ही इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। दिल्ली-एनसीआर सहित बिहार के कई बड़े अस्पतालों में मेडिसीन ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे मरीजों की counseling में लोग कोरोना से बचाव में काढ़ा जरुरत से ज्यादा पीने की बात कर रहे हैं। इस तरह के मरीज अगर किडनी की बीमारी के साथ-साथ कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं तो उनके जान पर भी खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टरों के काउंसलिंग में इस बात की जानकारी मिली है कि तकरीबन 90 प्रतिशत लोग काढ़ा का सेवन डॉक्टरों के सलाह के बिना किया है।

Mukta

Sub-Editor at India News, 7 years work experience in punjab kesari as a sub editor, I love my work and like to work honestly

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