इंडिया न्यूज (Breast Cancer)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों अनुसार हर साल ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। ब्रेस्ट कैंसर तब शुरू होता है जब ब्रेस्ट में ज्यादा सेल्स बनने लगते हैं और यहीं से सेल्स बाद में गांठ का रूप ले लेते हैं। अगर संयुक्त राज्य अमेरिका की बात करें तो त्वचा के कैंसर के बाद यहां महिलाओं में स्तन कैंसर की समस्या सबसे आम है। वहीं ब्रिटेन में हर साल लगभग 55,200 लोगों में स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर) का पता चलता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के कई कारण होते हैं, जिनमें खराब लाइफस्टाइल और खराब डाइट शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि त्वचा पर तिल होने से महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी भी हो सकती है। तो चलिए जानेंगे क्या तिल की वजह से होता है ब्रेस्ट कैंसर।

क्या तिल के कारण होता है ब्रेस्ट कैंसर?

महिलाओं के शरीर पर तिल जो बाद में ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनते हैं। ये सामान्य दिखने वाले मोल से कुछ अलग होते हैं। इसलिए इन तिलों की पहचान करना बेहद जरूरी है। जैसे कि- रंग-कई अध्ययनों अनुसार कैंसर वाले तिल को कई रंगों में पाया गया है। जिमसें हल्का गुलाबी, काला, सफेद व स्लेटी आदि मुख्य रंग पाए गए हैं। बदलाव- अक्सर कैंसर वाले तिलों में कुछ समय बाद ही बदलाव देखने को मिलता है। जिसमें वह पहले के कुछ हफ्तों या महीनों बाद ही अलग दिखने लगते हैं। आकार-बता दें कि कैंसर वाले तिल का आकार सामान्य तिल के आकर से भिन्न हो सकता है।

तिल और ब्रेस्ट कैंसर का संबंध

स्तन कैंसर पर कई अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि जिन महिलाओं के शरीर पर सामान्य से अधिक तिल होते हैं, उन्हें प्रीमेनोपॉजल स्तन कैंसर होने का अधिक खतरा होता है। एक शोध अनुसार लगभग 89,902 महिलाओं पर तिल के बारे में शोध किया गया था। इसमें करीब 5,956 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाई गईं। दूसरी ओर, जिन महिलाओं के शरीर पर कम तिल थे, उनमें स्तन कैंसर का खतरा कम पाया गया।

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