India News (इंडिया न्यूज)Dr. Tahera Khalidi: हैदराबाद में ‘हील 360’ की सीईओ डॉ ताहेरा खालिदी को भारत की शान पुरस्कार मिला है, डॉ ताहेरा का कहना है कि आजकल इंफर्टिलिटी के मामले काफी बढ़ रहे हैं , देश-दुनिया में स्त्री-पुरुष दोनों में समस्याएं देखी जा रही हैं, बच्चे नहीं होने से निराश कपल्स के लिए ‘हील 360’ के ऑनलाइन प्रोग्राम चलाए जाते हैं और दुनिया भर के जोड़ों को डॉ ताहेरा समाधान उपलब्ध कराती हैं। डॉ ताहेरा कहती हैं कि ज्यादातर समस्या ,PCUS के हैं, एग के कम होने, ट्यूबल ब्लॉकेज भी आम समस्याएं हैं, इसके अलावा पुरुषों में स्पर्म कम हो रहे हैं साथ ही इसकी गुणवत्ता भी कम हो रही है…..लो एग काउंट में गुणवत्ता की समस्या आती है, इसलिए गुणवत्ता में सुधार की ओर ध्यान देना चाहिए, ना की एग्स को बढ़ाने में। फेलोपियन ट्यूब या अंडा पास होने वाले जगह में सूजन आने से ब्लॉकेज की आशंका हो जाती है, लो AMH वाले मरीजों के एग काउंट में सुधार करवाई जाती है ताकि वो प्राकृतिक रूप से कंसीव कर सकें, इसके लिए कुछ रणनीतियों पर काम किया जाता है और जीवन शैली में कुछ बदलाव से ब्लॉकेज खत्म हो जाते हैं, इसके बाद कपल्स आसानी से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर पाते हैं।
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प्राकृतिक गर्भधारण से समस्या का समाधान
डॉ ताहेरा कहती हैं कि हमें अपनी समस्याओं को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए, इनके अनुसार आजकल ज्यादातर लोग डेस्क जॉब करते हैं, जिसमें उन्हें बैठ कर काम करना पड़ता है, जीवन शैली खराब होने से बॉडी में स्ट्रेस डेवलप होने लगते हैं और इन कारणों से पुरुषों में इंफर्टिलिटी बढ़ जाती है, इसलिए लोगों को कुछ देर में कुर्सी से उठ कर चलने की कोशिश करनी चाहिए, स्पेस मैनेजमेंट तकनीक पर काम करके स्ट्रेस कम किए जा सकते हैं, इन बातों से भी मदद नहीं मिलने पर एक्सपर्ट की राय लेनी चाहिए लेकिन जीवन शैली में बदलाव, फिजिकल वर्क आउट पर काम, हर्बल थैरेपी के उपयोग से समाधान मिलते हैं और इनके प्रयास से भी समाधान नहीं मिले तो डॉ ताहेरा IVF या दूसरी चीजें अपनाने पर जोर देती हैं।
कई जोड़ों के चेहरों पर मुस्कान
डॉ ताहेरा तकरीबन 1500 कपल्स के चेहरे पर अब तक मुस्कान ला चुकी हैं, ये सभी बच्चे नहीं होने से निराश थे। हर एक की समस्या और चुनौतियां अलग थीं, डॉ ताहेरा ने यूएई के एक स्त्री रोग विशेषज्ञ का उदाहरण दिया और बताया कि उनके हर टेस्ट नॉर्मल थे, लेकिन गर्भधारण संभव नहीं हो पा रहा था लेकिन जब ‘हील 360’ में उनका ट्रीटमेंट किया गया तो सब ठीक हो गया। डॉ ताहेरा एक और उदाहरण देती हुई कहती हैं कि एक क्लाइंट का ओवरी फेल हो गया था और एक ही ओवरी काम कर रहा था, साथ ही अंडों की संख्या भी काफी कम थी, पति को डिप्रेशन था, 97 प्रतिशत स्पर्म में दिक्कत थी, हालत ये थी कि डॉक्टरों ने IVF के लिए भी मना कर दिया था और किसी बच्चे को गोद लेने की सलाह दी थी, 34 साल की उम्र में महिला की माहवारी भी बंद हो चुकी थी लेकिन जब वो इनके पास आए तो 45 दिनों के अंदर नेचुरल पीरियड आया, फिर शरीर को रिवाइव करने पर काम किया गया और 3.5 महीने में उनका सफलतापूर्वक गर्भधारण हो गया।
डॉ ताहेरा की कपल्स को सलाह
डॉ ताहेरा का कहना है कि गर्भधारण में समस्या को लेकर जोड़ों को सबसे पहले मुख्य वजह यानी जड़ को समझना चाहिए और उस पर काम करना चाहिए, पाीरियड अगर नियमित नहीं है तो उसका कारण ढूंढना चाहिए, ब्लॉकेज क्यों आए हैं, इसकी वजह ढूंढनी चाहिए, स्पर्म की गुणवत्ता क्यों खराब हुई है, इसका पता लगाना चाहिए, सफल समाधान के लिए सोच, खान-पान, जीवन शैली को बदलना होगा, जिस तरह घर में मेहमान आने से पहले हम घर की साफ सफाई करते हैं, उसी तरह बच्चा भी मेहमान है, उसके आने से पहले हमें बॉडी की सफाई करनी होगी। माइंड,बॉडी,सोल इन तीन चीजों का ध्यान रखना, इन तीनों पर ध्यान देने से गर्भधारण की जटिलताएं खत्म होंगी और आसानी से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव होगा।
अनेक पुरस्कार और सम्मान
डॉ ताहेरा खालिदी को बांझपन दूर करने और सफल गर्भधारण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए अनेक पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं। ‘हील360’ को सिलिकॉन इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ समग्र केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है। इनकी पुस्तक “द नेचुरल कॉन्सेप्शन ब्लूप्रिंट: ए गाइड फॉर फीमेल फर्टिलिटी” काफी मशहूर है। जब ये पुस्तक प्रकाशित हुई तो 30 मिनट के अंदर ही इसकी सौ से ज्यादा प्रतियां हाथोंहाथ बिक गईं थीं।