Ayurvedic Kadha to Prevent from Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस समय स्थिति काफी बिगड़ती नज़र आ रही है। इस बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से यहां की हवा काफी जहरीली हो गई है। बता दें कि ये पॉल्यूशन हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। प्रदूषण की वजह से लोग कईं बीमारियों के शिकार हो रहें हैं। बताया जा रहा है कि लोगो को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, खांसी और फेफड़ों में परेशानी हो रही है।
पॉल्यूशन की वजह से सबसे ज्यादा हमारे फेफड़ों और इम्यूनिटी पर असर पड़ता है। अगर हमें सेहत का ध्यान रखना है तो कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे बड़े काम आ सकते हैं। इस प्रदूषण से सुरक्षित रहने के लिए फेफड़ों को मजबूत बनाने वाला काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। प्रदूषण से बचाव के लिए काढ़ा बनाने के लिए हमारे घर में मौजूद मसालों और पौधों की पत्तियों से मिलाकर काढ़ा बनाया जा सकता है। यहां जानें काढ़ा बनाने का सबसे आसान तरीका।
काढ़ा बनाने का सामान
- तुलसी
- दालचीनी
- गिलोय
- मुलेठी
- लेमनग्रास
- इलायची
- पिपली
- वंशलोचन
ऐसे बनाएं काढ़ा
500 ग्राम वंशलोचन, 500 ग्राम मुलेठी, ढाई सौ ग्राम दालचीनी, ढाई सौ ग्राम लेमनग्रास को कूटकर मिला लें। अब इस पाउडर में इलायची, पिपली, तुलसी और गिलोय की पत्तों को पीसकर मिला दें। इस मिक्सचर को डब्बे में बंद करके रख लें। रोज 2 कप पानी में काढ़े का ये मिक्सचर डालकर उबालें और छानकर पिएं।
इस काढ़े के कईं फायदे
काढ़े को चाय की तरह ही सुबह-शाम में कप भरकर पीना है। फेफड़ों के लिए ये काढ़ा बहुत फायदेमंद है। बात दें कि इस काढ़े को पीने से इम्युनिटी भी बढ़ती है। इसके अलावा ये काढ़ा ठंड के दिनों में होने वाली कई बीमारियों से सुरक्षित रखने में भी कारगर है। सर्दी-खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां काढ़े का सेवन करने से दूर रहेंगी।
ये भी हैं बचने के आसान तरीके
साथ ही ये भी बता दें कि हमारे आयुर्वेद में इलाज के तरीकों की कमी नहीं है। काढ़े के अलावा हम रोजाना हल्दी, सेंधा नमक और फिटकरी को गर्म पानी में मिलाकर गरारे कर सकते हैं। इन चीजों में मौजूद औषधीय गुण गले में मौजूद बैक्टीरिया को मार देते हैं, जिससे बीमारी और इंफेक्शन का खतरा कम रहता है। इसके अलावा मास्क लगाना प्रदूषण के कहर से बचने के लिए जरूरी है।