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Effect Of Corona Pandemic On Elderly कोरोना महामारी का बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ पर पड़ा सबसे ज्यादा असर

Mukta • LAST UPDATED : November 28, 2021, 1:29 pm IST

Effect Of Corona Pandemic On Elderly पिछले दो सालों से दुनिया को अपनी चपेट में लेनी वाली कोरोना महामारी ने समाज के लगभग हर तबके को किसी ना किसी तरह से प्रभावित किया है। खासतौर पर बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा है।

बुजुर्गों पर की गई एक नई रिसर्च में यह बात समाने आई है कि महामारी की वजह से बुजुर्गों में कई तरह की मानसिक समस्याओं के लक्षण मिले हैं। कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी द्वारा की गई इस स्टडी के निष्कर्षों को ‘नेचर एजिंग’ नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

(Effect Of Corona Pandemic On Elderly)

रिसर्चर्स ने अपनी इस स्टडी में पाया कि 50 साल या इससे ज्यादा उम्र के 43 प्रतिशत वयस्कों ने कोरोना महामारी की शुरुआत में मीडियम या हाई लेवल के डिप्रेशन यानी अवसाद संबंधी लक्षणों का समाना किया। मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर परमिंदर रैना का कहना है कि इस स्टडी के जरिए यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि लॉकडाउन ने किस तरह से लोगों के स्वास्थ्य संबंधी कारकों को प्रभावित किया। इसके लिए टीम ने टेलीफोन और वेब सर्वेक्षण आंकड़ों का प्रयोग किया।

स्टडी के अनुसार (Effect Of Corona Pandemic On Elderly)

इस स्टडी के अनुसार, महामारी के दौरान बुजुर्गों में देखभाल की जिम्मेदारियां, परिवार से अलग होना, पारिवारिक झगड़े और अकेलापन जैसे कारक अवसाद या डिप्रेसन के प्रमुख कारण के रूप में सामने आए। यही नहीं, रिसर्चर्स ने ये भी पाया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा अवसाद पाया गया, क्योंकि ज्यादातर महिलाओं ने देखभाल करने की बाधा को भी तनाव का एक कारण बताया।

हालांकि कुल मिलाकर वयस्कों में अवसाद के लक्षणों की आशंका दोगुनी पाई गई. इसके अलावा पहले से कम आय और खराब स्वास्थ्य वाले लोगों में भी उन दिनों अवसाद ज्यादा देखने को मिला।

इस तरह अपनों में डिप्रेशन के लक्षणों को पहचानें (Effect Of Corona Pandemic On Elderly)

हमेशा चिंताग्रस्त रहता हो, उदास रहता होऔर बातों-बातों में आंसू निकल आता हो। निराशावादी बातें ज्यादा करता हो, भविष्य को लेकर होपलेस हो गया हो। हमेशा खालीपन और अपराधबोध से ग्रसित रहता हो। एकसाथ समय बिताने में दिलचस्पी नहीं दिखाता हो और संवाद स्थापित करने से भी कतराता हो। बहुत आसानी से अपसेट हो जाता हो और इरीटेट हो जाता हो।

एनर्जी का अभाव दिखे, बहुत धीरे-धीरे चलें, और बेकार लगे। किसी चीज का ख्याल नहीं रखता हो. हर चीज को अस्त व्यस्त कर रखा हो। अपनी उपस्थिति को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता हो। स्लीपिंग पैटर्न में गड़बड़ी. या तो बहुत ज्यादा सोना या सोना ही नहीं। सामान्य गतिविधियों के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं दिखाना। किसी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना। या तो बहुत खाना या बहुत कम खाना। अक्सर मौत और आत्महत्या की बात करना।

(Effect Of Corona Pandemic On Elderly)

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