Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
India News (इंडिया न्यूज़), Pulses Harmful For Diabetics: शुगर एक ऐसी बीमारी जिसका न सिर्फ व्यक्ति के शरीर बल्कि उसके मन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है स्वस्थ शरीर के लिए बेहद जरुरी है कि व्यक्ति का शुगर लेवल कंट्रोल में रहे। मधुमेह (शुगर) एक गंभीर स्थिति है, जो शरीर में शर्करा (ग्लूकोज) के स्तर को प्रभावित करती है। शुगर के मरीजों को खास ध्यान रखना होता है कि वे कौन सी चीजें खाते हैं, क्योंकि गलत खानपान से उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत तेजी से बढ़ सकता है, जिससे उनका स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। इस लेख में हम एक ऐसी दाल के बारे में जानेंगे, जिसे शुगर के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है और इसका सेवन उनके लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।
यह दाल है मसूर दाल। मसूर दाल शुगर के मरीजों के लिए एक प्रकार का “पोइज़न” बन सकती है, अगर इसका सेवन बिना सही तरीके से किया जाए। मसूर दाल में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) होता है, जिसका मतलब है कि इसे खाने के बाद शरीर में शुगर का स्तर बहुत तेजी से बढ़ सकता है। इससे शुगर के मरीजों को गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
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मसूर दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी उच्च होता है, यानी यह जल्दी से पचकर रक्त में शुगर के स्तर को बढ़ा देती है। जब शुगर का स्तर अचानक बढ़ता है, तो यह शरीर पर प्रतिकूल असर डालता है और मधुमेह के मरीजों के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
मसूर दाल में कार्बोहाइड्रेट्स की अच्छी खासी मात्रा होती है, जो रक्त में शुगर के स्तर को असंतुलित कर सकती है। इससे शुगर की बीमारी और गंभीर हो सकती है।
मसूर दाल को पचाना भी थोड़ा मुश्किल हो सकता है, खासकर जब इसे सही तरीके से तैयार न किया जाए। पाचन के दौरान यह शरीर में शुगर के स्तर को और बढ़ा सकती है।
यह कहना मुश्किल है कि शुगर के मरीजों को मसूर दाल से पूरी तरह से बचना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है। हालांकि, अगर शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं है या अगर मरीज को इसके बाद रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि महसूस होती है, तो मसूर दाल का सेवन कम करना चाहिए। अगर फिर भी इसे खाने की इच्छा हो, तो इसे बहुत ही कम मात्रा में और सही तरीके से पकाकर खाना चाहिए।
शुगर के मरीजों के लिए छोले, मूंग दाल, उड़द दाल जैसी दालें अधिक उपयुक्त हो सकती हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और ये रक्त शर्करा पर उतना असर नहीं डालतीं।
दाल को पकाने से पहले उसे अच्छी तरह से भिगो लें, जिससे उसके ग्लाइसेमिक प्रभाव को कम किया जा सके। साथ ही, उसे कम तेल और मसालों के साथ पकाएं।
दाल खाने के बाद अधिक पानी पीने से शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है। पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
मसूर दाल शुगर के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है, खासकर अगर इसका सेवन सही मात्रा में और सही तरीके से न किया जाए। इसके उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स और पाचन के प्रभाव के कारण यह रक्त शर्करा को बढ़ा सकती है, जिससे शुगर के मरीजों को समस्या हो सकती है। इसलिए, अगर आप शुगर के मरीज हैं, तो मसूर दाल का सेवन सावधानी से करें और डॉक्टर की सलाह के बिना इसे नियमित रूप से न खाएं।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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