India News (इंडिया न्यूज), Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ समेत कई जिलों में इस बीमारी के कई मरीज सामने आए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 26 जनवरी तक गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के 101 सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे। हाल ही में सोलापुर में इस बीमारी के कारण एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। यह बीमारी बेहद खतरनाक हो सकती है, खासतौर पर अगर इसका समय पर इलाज न मिले। इस बीमारी को लेकर दिल्ली की एमडी मेडिसिन और डीएम न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका सेहरावत ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस बीमारी से बचाव के लिए डाइट में किन चीजों से परहेज करना जरूरी है।
कैसे फैलता है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही नर्वस सिस्टम पर हमला कर देती है। इसका सबसे पहला असर मांसपेशियों पर पड़ता है, जिससे कमजोरी और सुन्नपन महसूस होता है। आमतौर पर इसके लक्षण पहले पैरों में दिखाई देते हैं और धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल सकते हैं। कुछ मामलों में, यह बीमारी सांस लेने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
डॉ. प्रियंका सेहरावत के अनुसार, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से बचने के लिए बाहरी भोजन से पूरी तरह बचना चाहिए। खासतौर पर, पनीर, चावल और चीज़ का सेवन करने से परहेज करने की सलाह दी गई है।
- पनीर और डेयरी उत्पाद में बैक्टीरिया पनपने की अधिक संभावना होती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
- पके हुए चावल, कमरे के तापमान पर रखे हुए चावल में बैसिलस सेरेस (Bacillus cereus) नामक बैक्टीरिया विकसित हो सकता है, जो विषाक्त पदार्थ पैदा कर फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है।
- चीज़, अधिक नमी वाले खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जिससे शरीर में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
क्या करें बचाव के लिए?
इस बीमारी से बचाव के लिए अपने आहार में साफ-सुथरा और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन शामिल करें। फल और सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। स्वच्छता का ध्यान रखें और किसी भी तरह के संदिग्ध लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का शुरुआती चरण में इलाज न मिलने पर यह गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए, सतर्क रहें और अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें।