India News (इंडिया न्यूज), Health Updates: हमारा शरीर एक अद्भुत संरचना है, जो समय-समय पर संकेतों के माध्यम से हमें हमारे स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में आगाह करता रहता है। लेकिन अक्सर हम इन संकेतों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे कई बार गंभीर बीमारियों का समय रहते पता नहीं चल पाता। डॉक्टर सौरभ सेठी ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कुछ ऐसे ही सात सामान्य लक्षणों के बारे में बताया है, जो दरअसल शरीर में पनप रही किसी गंभीर बीमारी का इशारा हो सकते हैं।
आइए जानते हैं ऐसे ही 7 लक्षण और उनसे जुड़ी संभावित बीमारियों के बारे में—
Health Updates: शरीर के ये लक्षण चीख-चीखकर दे रहे है खतरे की घंटी समय रहते है बचा लीजिये अपना शरीर
यदि आपको अक्सर सीने में दर्द होता है, खासकर ऐसा दर्द जो बाएं हाथ तक फैलता हो, तो इसे हल्के में न लें। यह दिल की किसी गंभीर बीमारी, विशेषकर हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
अचानक बोलने में कठिनाई आना, शब्दों का अस्पष्ट हो जाना या चेहरे का एक भाग झुक जाना—ये सभी स्ट्रोक (लकवा) के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में समय की बहुत अहमियत होती है, इसलिए तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
अगर पेशाब या मल के दौरान खून नजर आए तो यह किसी आंतरिक समस्या का गंभीर संकेत हो सकता है। यह लक्षण किडनी, कोलन या मूत्राशय से संबंधित कैंसर या संक्रमण का इशारा कर सकते हैं।
एब्डोमिनल (पेट) में तेज दर्द को अक्सर गैस या आम तकलीफ मानकर टाल दिया जाता है। लेकिन यह अपेंडिसाइटिस, किडनी स्टोन या गॉल ब्लैडर की पथरी जैसी स्थितियों से जुड़ा हो सकता है, जिनमें तत्काल इलाज जरूरी होता है।
अगर बिना डाइटिंग या एक्सरसाइज के आपका वजन तेजी से कम हो रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। यह डायबिटीज, थायरॉयड की समस्या या फिर कैंसर जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है।
यदि खांसते समय खून आता है, तो इसे हल्के में बिलकुल न लें। यह फेफड़ों के संक्रमण, टीबी या फेफड़ों के कैंसर तक का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
अचानक आंखों की रोशनी का कम होना या पूरी तरह से गायब हो जाना रेटिना डिटैचमेंट या स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। यह स्थिति स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है अगर समय रहते इलाज न हो।
इन लक्षणों को गंभीरता से लेना न केवल जरूरी है, बल्कि आपकी जान भी बचा सकता है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण लगातार नजर आए या अचानक महसूस हो, तो तुरंत किसी योग्य डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें, ‘रोकथाम इलाज से बेहतर है।’
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