India News (इंडिया न्यूज), Heart Rupture: हार्ट रप्चर एक गंभीर स्थिति है जिसमें हृदय की दीवार फट जाती है। यह आमतौर पर दिल के दौरे के बाद होता है और इसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। लक्षणों में सीने में तेज दर्द, सांस लेने में कठिनाई और बेहोशी शामिल हो सकते हैं। बुजुर्ग, उच्च रक्तचाप वाले लोग और जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ा है, उन्हें दिल के टूटने का सबसे अधिक खतरा होता है।
दिल का टूटना क्या है?
दिल का टूटना एक गंभीर स्थिति है जो दिल के दौरे के बाद हो सकती है। इसमें दिल की दीवारों, मांसपेशियों या वाल्वों का टूटना शामिल है। यह समस्या दिल के दौरे के दौरान या उसके बाद पहले महीने में हो सकती है। ज़्यादातर मामलों में, दिल का टूटना दिल के दौरे के बाद पहले पाँच से दस दिनों में होता है। इसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है।
अगर आपको दिल के दौरे के बाद कोई असामान्य लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। दिल का टूटना दिल के दौरे की एक गंभीर और दुर्लभ जटिलता है। ज़्यादातर मामलों में, यह जानलेवा हो सकता है। हालाँकि, सर्जरी कुछ लोगों की जान बचा सकती है और उन्हें लंबे समय तक जीने की अनुमति दे सकती है।
दिल टूटने के कारण
हार्ट अटैक: दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल की मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं और वे फट सकती हैं।
उम्र: यह समस्या बुज़ुर्ग लोगों में ज़्यादा होती है।
उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप दिल की दीवारों पर ज़्यादा दबाव डालता है, जिससे वे फट सकती हैं।
पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को यह समस्या रही है, तो आपको भी इसका ख़तरा हो सकता है।
सीने में तेज़ दर्द: अचानक और बहुत तेज़ दर्द होता है।
सांस लेने में तकलीफ़: सांस फूलना।
बेहोशी या चक्कर आना: खून की कमी से बेहोशी या चक्कर आ सकते हैं।
बहुत तेज़ दिल की धड़कन: दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो जाती है।
सबसे ज़्यादा ख़तरा किसे है?
दिल टूटने का सबसे ज़्यादा ख़तरा जिन्हें है
जिन्हें पहले भी दिल का दौरा पड़ चुका है।
बुज़ुर्ग लोग, ख़ास तौर पर 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोग।
उच्च रक्तचाप वाले लोग।
जिनके परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास रहा है।
जो लोग धूम्रपान करते हैं और जो लोग स्वस्थ जीवनशैली का पालन नहीं करते हैं।
क्या इससे जान बच सकती है?
अगर आपको सीने में तेज़ दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी या दिल की धड़कन तेज़ होने जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से जान बच सकती है। दिल टूटने से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ, जिसमें संतुलित आहार और रोज़ाना व्यायाम शामिल हो। खासकर अगर आपके परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास रहा हो। इन सावधानियों से आप दिल टूटने के जोखिम को कम कर सकते हैं।