इंडिया न्यूज, Health Tips: गर्भवती महिलाओं की जैसे-जैसे डिलिवरी की तारीख नजदीक आती है वैसे वैसे महिला के शरीर में सूजन बढ़ने लगती है। कई बार सूजन सामान्य होती है लेकिन कई बार गंभीर बीमारी का संकेत होती है। गर्भवती महिलाओं को इस समय बहुत सी आदतों में बदलाव करना चाहिए, जिससे शिशु का विकास ठीक ढंग से हो सके। तो चलिए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान होने वाली सूजन को कैसे करें दूर।
किन कारणों से दिखती है सूजन?
- शरीर में होने वाले हॉर्मोनल चेंजेस: प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरॉन, ऐस्ट्रोजन, एचसीजी और प्रोलैक्टिन जैसे कई हॉर्मोन्स का स्तर काफी बढ़ जाता है और इस वजह से भी एडिमा (सूजन) होने लगती है।
- वजन बढ़ना: गर्भ के दौरान इस 9 महीने के पीरियड में महिला का अच्छा खासा वजन बढ़ता है। बच्चे के बेहतर विकास के लिए वजन बढ़ना जरूरी भी है। इसके साथ-साथ शरीर में मौजूद एक्सट्रा फ्लूइड प्रेग्नेंसी में महिला के वजन का 25 प्रतिशत हिस्सा होता है। ऐसे में वजन बढ़ने से भी पैरों में सूजन नजर आने लगती है।
- नसों पर बढ़ता दबाव: गर्भाशय के बढ़ते आकार के कारण शरीर की नसों पर दबाव बनने लगता है, जिस वजह से ब्लड सकुर्लेशन प्रभावित होता है। इस प्रकिया में खून के निचले अंगों से दिल तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न होती है, जिस कारण पैरों में सूजन शुरू हो जाती है।
- हीमॉग्लोबिन की कमी: प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार शरीर में कम प्रोटीन और कम हीमॉग्लोबिन की वजह से भी सूजन नजर आने लगती है। कई मामलों में गर्भावस्था के दौरान पैर सामान्य नहीं हो पाते और उनमें लगातार सूजन बनी रहती है लेकिन डिलिवरी के बाद पैर सामान्य स्थिति में आ जाते हैं।
सूजन दूर करने के तरीके क्या हैं?
- कंफर्टेबल कपड़े पहने: गर्भवती महिलाओं को आरामदायक कपड़ों का चयन करना चाहिए। क्योंकि टाइट कपड़े पहनने से शरीर में सूजन बढ़ सकती है। इस समय ऐसे कपड़ों का चुनाव करें जो शरीर को आराम दें। ध्यान रखें प्रेगनेंसी के समय जूते और चप्पल भी ऐसी चुनें पैरों के लिए कंफर्टेबल हो।
- बैठते समय पैरों को ऊपर रखें: कई बार गर्भवती महिला सोफे, कुर्सी और बेड पर पैर लटकाकर बैठती है, जिस कारण पैरों में सूजन बढ़ जाती है। ध्यान रखें कि इस समय में पैरों को ज्यादा समय तक न लटकाएं। हर एक घंटे एक जगह बैठने के बाद पांच मिनट के लिए टहलें। इससे शरीर में ब्लड सकुर्लेशन बढ़ेगा और सूजन पैरों पर नहीं आएगी।
- नमक का सेवन कम करें: गर्भ के दौरान हाथ पैर में होने वाली सूजन को कम करने का सबसे आसान उपाय है नमक का सेवन कम करें। दरअसल, नमक शरीर में मौजूद एक्सट्रा पानी को रोक कर रखता है। ऐसे में जब शरीर में पहले से इतना सारा वॉटर रिटेंशन हो रखा है ऐसे में ज्यादा नमक खाने से वॉटर रिटेंशन और बढ़ेगा। लिहाजा खाने में ऊपर से अतिरिक्त नमक का इस्तेमाल बिलकुल न करें।
- कैफीन कम करें: अगर आप चाय या कॉफी लवर हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अपनी इस आदत में बदलाव करने की जरूरत है। दरअसल, सोडियम की ही तरह कैफीन भी शरीर में तरल पदार्थों को रोक कर रखता है जिससे वॉटर रिटेंशन की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए कैफीन इनटेक कम से कम करें।
- पैरों की मालिश कराएं: गर्भावस्था के समय कई बार महिलाएं काफी देर तक खड़ी रहती है, जिस कारण पैरों में सूजन आ जाती हैं। महिला इस समय पैरों की मालिश करवाते रहना चाहिए। मालिश करने से ब्लड सकुर्लेशन में मदद मिलती है। जिस कारण सूजन में कमी आती है।
- पोटैशियम रिच डायट खाएं: शरीर में तरल पदार्थों को बैलेंस करने में मदद करता है पोटैशियम। लिहाजा ऐसी चीजों का सेवन करें जिसमें पोटैशियम की मात्रा अधिक हो। केला, आलू, पालक, बीन्स, दही, दालें और साल्मन फिश में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है। लिहाजा गर्भावस्था में सूजन कम करने के लिए इन चीजों का सेवन करें।
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