Hot Stone Massage पहले के जमाने में मालिश का चलन था। समृद्ध लोग रोजाना मालिश कराते थे। अब मालिश की जगह मसाज थेरेपी ने ले ली है। कहीं भी जाइए, हर जगह मसाज पार्लर खुले हुए हैं। बॉडी को रिलेक्स फील कराने के लिए मसाज थेरेपी गजब का काम करती है। मसाज भी कई तरह के होते हैं, लेकिन हॉट स्टोन मसाज की बात ही कुछ और है।
हॉट स्टोन मसाज से कई तरह के फायदे मिलते हैं। हॉट स्टोन मसाज को अल्टरनेटिव मेडिसिन का दर्जा प्राप्त है। हॉट स्टोन मसाज में गर्म पत्थर से मालिश की जाती है। इससे पूरी बॉडी में मांसपेशियों का खिंचाव कम होती है और रिलेक्स फील होता है। हॉट स्टोन मसाज मसल्स को मजबूत बनाती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू हेमिस्फेयर हेल्थ सर्विस ने हॉट स्टोन मसाज करने के लिए स्टोन के तापमान को 130 से 145 डिग्री पर गर्म रखने का मानक बनाया है। हॉट स्टोन को कुछ खास जगहों पर लगाया जाता है।
इसे करने के लिए मुलायम और नर्म पत्थरों को बॉडी के कुछ खास भागों जैसे रीढ़, पेट, छाती, चेहरा, हथेलियों और पैरों की उंगलियों के बीच में रखकर मसाज की जाती है। कुछ जगहों पर हॉट स्टोन मसाज के लिए स्वीडिश टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाता है। इस तकनीक में स्ट्रोक, वाइब्रेशन, सर्कुलर मूवमेंट आदि की मदद से मसाज दी जाती है।
मसल्स के तनाव को कम कर
हॉट स्टोन मसाज स्ट्रेस और एंग्जाइटी से राहत दिलाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि 10 मिनट का हॉट स्टोन मसाज कॉर्डियोवेस्कुलर जटिलताओं को कम करती है। अच्छी नींद के लिए हॉट स्टोन मसाज थेरेपी का कोई जवाब नहीं। इससे पूरी बॉडी रिलेक्स हो जाती है जिससे रात में अच्छी नींद आती है। ऑटोइम्यून की बीमारी के लक्षणों को कम करने में हॉट स्टोन मसाज बहुत कारगर साबित हो रहा है।
(Hot Stone Massage)
इससे फाइब्रोमाइलजिया बीमारी को जोखिम भी कम हो जाता है। यह दर्द की बीमारी है जो आसानी से खत्म नहीं होती। हॉट स्टोन मसाज से ऑर्थराइटिस के दर्द से भी राहत मिलती है। स्वीडिश हॉट स्टोन मसाज से इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है। यह मसाज इम्यूनिटी को बढ़ाती है और कई बीमारियों का उपचार भी करती है।
(Hot Stone Massage)
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