India News (इंडिया न्यूज़), Heart Attack Survival: दिल का दौरा आने पर तुरंत इलाज जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कुछ घंटे मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। हार्ट अटैक के बाद कोई व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है? जानकारी के अनुसार, एक स्वस्थ शरीर तभी जीवित रह सकता है, जब हृदय सही तरीके से काम कर रहा हो। आज के समय में तनावपूर्ण जीवन, भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहें हैं। किसी भी उम्र के व्यक्ति को कहीं भी हार्ट अटैक आ सकता है।
बता दें कि हार्ट अटैक अचानक नहीं आता है। इस बीच शरीर के कई अंग संकेत देने लगते हैं कि दिल की हालत गंभीर है। अगर इन संकेतों को नज़रअंदाज़ किया जाए तो हार्ट अटैक आ सकता है। लोग अक्सर पूछते हैं कि अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो वो कितने समय तक ज़िंदा रह सकता है। तो यहां जान लें इसकी जानकारी।
जानकारी के अनुसार, जब दिल की धमनियों में रक्त संचार बाधित होता है तो धमनियों में रुकावट आ जाती है। जब रक्त वाहिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं तो दिल को ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और उस समय हार्ट अटैक आ जाता है। देखा जाए तो हार्ट अटैक दिल की रुकावट पर निर्भर करता है।
अगर किसी के दिल में ब्लॉकेज कम है, तो उसे गंभीर हार्ट अटैक नहीं आएगा। लेकिन अगर किसी के दिल में ब्लॉकेज ज़्यादा है तो उसे बड़ा हार्ट अटैक आ सकता है। इसके साथ ही हार्ट फेलियर की संभावना भी बढ़ जाती है। हार्ट अटैक के दौरान बचने की दर समय और इलाज की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी को दिल का दौरा पड़ता है, तो दिल के दौरे की अवधि बहुत मायने रखती है। कुछ लोगों को तीन से पांच मिनट तक दिल का दौरा पड़ता है और कुछ लोगों को 20 मिनट से अधिक समय तक दिल का दौरा पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर समय पर इलाज मिल जाए, तो मरीज के बचने की संभावना रहती है। अगर मरीज को समय पर इलाज नहीं मिलता है, तो मरीज की 2 से 3 घंटे के भीतर मौत हो सकती है।
दरअसल, ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि दिल का दौरा पड़ने के एक घंटे बाद हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं। अगर किसी व्यक्ति में 15 मिनट से अधिक समय तक दिल के दौरे के लक्षण दिखते हैं, तो इलाज ना मिलने पर एक घंटे के भीतर उसकी मौत हो सकती है।
अगर किसी व्यक्ति को 2 से 3 मिनट तक स्ट्रोक होता है और उसे समय पर उपचार नहीं मिलता है, तो उसके हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाएं एक घंटे बाद ही मरना शुरू हो जाएंगी। ऐसे में अगर एक घंटे बाद भी उपचार नहीं मिलता है, तो अगले तीन से चार घंटों में उसके शरीर के दूसरे अंग भी खराब हो सकते हैं और फिर उसे बचाया नहीं जा सकता।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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