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कितने प्रकार के होते हैं ओवेरियन कैंसर, जानिए लक्षण?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : June 27, 2022, 5:13 pm IST

इंडिया न्यूज (ovarian cancer )
दुनियाभर में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बाद तीसरे नंबर पर ओवेरियन कैंसर या यूटेरस कैंसर है। ओवेरियन कैंसर के लक्षण आखिरी स्टेज तक देखने को नहीं मिलते हैं। ओवेरियन कैंसर को अंडाशय का कैंसर भी कहते हैं और यह समस्या सबसे पहले अंडाशय में शुरू होती है। ओवेरियन कैंसर एक जल्दी बढ़ने वाला कैंसर है जो ज्यादातर महिलाओं में तीसरे या चौथे स्टेज में पता चलता है। तो चलिए जानते हैं कितने प्रकार का होता है ओवेरियन कैंसर और इसके लक्षण क्या हैं।

कितने प्रकार के होते हैं ओवेरियन कैंसर

महिलाओं के शरीर में मौजूद अंडाशय एक तरह की प्रजनन ग्रंथियां होती हैं जो प्रजनन के लिए अंडों का उत्पादन करती हैं। अंडाशय में होने वाले कैंसर की बीमारी बहुत दुर्लभ हैं लेकिन इसे बहुत घातक माना जाता है। करीब 90 प्रतिशत महिलाओं में इस समस्या के लक्षण न के बराबर देखने को मिलते हैं और आखिरी स्टेज में पहुंचने पर इसका पता चलता है।

  • एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर : इसे सबसे आम ओवेरियन कैंसर माना जाता है। महिलाओं में ओवेरियन कैंसर की समस्या में सबसे ज्यादा एपिथेलियल ट्यूमर की ही मौजूदगी होती है।
  • अंडाशयी टेराटोमा: इस तरह का ओवेरियन कैंसर सबसे ज्यादा 20 साल से लेकर 25 साल की उम्र वाली महिलाओं में देखने को मिलता है।
  • अंडाशयी ग्रैनुलोसा ट्यूमर: इस समस्या में एक प्रकार से स्ट्रोमल ट्यूमर मौजूद होते हैं और इसका इलाज भी बहुत कम हो पाता है।
  • प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर: यह एक प्रकार का दुर्लभ ओवेरियन कैन्सर है जो महिलाओं में बहुत कम देखने को मिलता है।
  • फैलोपियन ट्यूब कैंसर: ओवेरियन कैंसर का यह प्रकार भी एक दुर्लभ कैंसर है और इसकी संभावना बहुत कम होती है। इस समस्या का इलाज भी बहुत कठिन होता है।
  • बॉर्डरलाइन ओवेरियन ट्यूमर: इस समस्या में अंडाशय में असामान्य रूप से ट्यूमर की कोशिकाएं फैलने लगती हैं और अंडाशय के बाहरी ऊतकों में फैल जाती हैं। आमतौर पर इस समस्या में सर्जरी का सहारा लिया जाता है।

ओवेरियन कैंसर के लक्षण: पेल्विक एरिया में गंभीर दर्द। शरीर के निचले हिस्से में दर्द। अपच और गैस की समस्या। भोजन न करने के बाद भी पेट भरा हुआ लगना। पेट और पीठ में गंभीर दर्द। मल त्याग करने में परेशानियां। बार-बार पेशाब आना। पेट फूलने की समस्या।

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