नेचुरोपैथ कौशल
How to Make Chyawanprash at Home : वायरस को मारने के लिये और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिये च्यवनप्राश सर्वोत्तम प्राकृतिक उपहार है। आमले की प्रचुरता लिए अनेक आयुर्वेदिक जड़ीबूटियो का मिश्रण च्यवनप्राश, एक आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उपचार है जो शरीर की प्रतिरोधी क्षमता अर्थात इम्युनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण के खिलाफ लड़ने में मदद करता है।
सर्दियों में इसका उपयोग अधिक किया जाता है जो सर्दियों में होने वाली संक्रमण (इन्फेक्शन) और एलर्जी जनित बीमारियों के खिलाफ संरक्षण प्रदान करता है। इसके सेवन से खांसी, श्वास, प्यास, वातरक्त, छाती का जकड़ना, वातरोग (गैस), पित्तरोग (एसिडिटी), शुक्रदोष एवं मूत्रदोष आदि नष्ट हो जाते हैं। यह शारीरिक वृद्धि और स्मरण शक्ति को बढाता है इसलिए बालक एवं बुजुर्गों के लिए भी इसका सेवन लाभवर्धक हैं..
सामग्री
1.आंवला – 7kg
2.क्वाथ द्रव्य (प्रत्येक द्रव्य 50 gms)-
पाटला, अरणी, गंभारी, बेल (विल्व), श्योनाक (अरलू), छोटी कटेली, बड़ी कटेली, छोटी पीपल, काकडासिंगी, मुनक्का, गिलोय, बड़ी हरड़, खरेटी, भूमि आंवला, अडूसा, जीवन्ती, कचूर, नागरमोथा, पुष्करमूल, कोआढोडी (काकनासा), मूंगपर्णी, मासपर्णी, विदारीकन्द, साठी, कमलगट्टा, छोटी ईलायची, अगर, चन्दन साल.
अष्टवर्ग के अभाव में प्रतिनिधि द्रव्य (शतावरी, अश्वगंधा, वाराहीकन्द, विदारीकन्द)
3. यमक सामग्री–
तिल का तेल 250ml + घी 250 gms लेने का विधान है।
परन्तु तेल हल्का होने से ऊपर आ जाने से पाठ का स्वाद सही नहीं होता हैI अतः तेल की जगह देसी गाय का घी 500 ग्राम लेना चाहिये।
4. संवाहक सामग्री – देसी खांड 5 kg
5. प्रक्षेप द्रव्य – वंशलोचन 150 ग्राम,
पीपल 100 ग्राम,
दालचीनी 10 ग्राम,
तेजपता 10 ग्राम,
नागकेसर 10 ग्राम,
छोटी ईलायची 10 ग्राम।
10 से 20 ग्राम च्यवनप्राश का सेवन सुबह और सांयकाल साथ कर सकते है।
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