Categories: हेल्थ

Human Brain : 3000 साल पहले बहुत छोटा था इंसानों का दिमाग, जाने क्यों

Human Brain : वक्त के साथ-साथ कंप्यूटर का आकार भी छोटा होता गया। यही हाल हमारे दिमाग  का भी हुआ है। मानव मस्तिष्क का आकार पूरे मानव इतिहास में कई बार बदला है, लेकिन इंसानी दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन करीब 3 हजार साल पहले हुआ है। खासकर इंसानी दिमाग के आकार में आए परिवर्तन ने वैज्ञानिकों को स्तब्ध कर दिया है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए कई थ्योरी भी दी। लेकिन शायद इसका सटीक जवाब चीटियों के पास है।

एक नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने इस ओर संकेत दिए हैं। वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दावा किया है कि 3000 साल पहले कुछ ऐसा हुआ जिसने दिमाग को छोटा करना शुरू कर दिया। इसके पीछे एक अनजान ताकत थी. जिसे वैज्ञानिक चीटियां कह रहे हैं। आप सच पढ़ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इंसानी दिमाग के छोटा होने के पीछे की वजह चीटियों के पास से खोजी है।

दिमाग के विकास का अध्ययन (Human Brain)

वैज्ञानिकों ने जब चीटियों के दिमाग के विकास का अध्ययन किया तब उन्हें पता चला कि इंसानों के दिमाग के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा। असल में मामला ये है कि जब कोई जीव समूह या समुदाय या सभ्यता में एकसाथ विकास करता है, तब वह अपने दिमाग का ज्यादा उपयोग करता है।

इसमें कलेक्टिव इंटेलिजेंस यानी सामूहिक बुद्धि का उपयोग होता है। इसमें कलेक्टिव इंटेलिजेंस यानी सामूहिक बुद्धि का उपयोग होता है। अगर चीटियों और इंसानों के दिमाग के प्राचीन दर्ज इतिहासों को खंगाला जाए तो पता चलता है जैसे-जैसे दिमाग का उपयोग सामूहिक तौर पर शुरु हुआ, दिमाग छोटे होते चले गए।

मानव मस्तिष्क का विश्लेषण (Human Brain)

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने 985 जीवाश्म और आधुनिक मानव मस्तिष्क का विश्लेषण किया है। वैज्ञानिकों ने 21 लाख साल पहले मिले दिमाग, 15 लाख साल पहले मिले दिमाग और 12,000 साल पहले मिले दिमागों को लेकर विश्लेषण किया। जिसके आधार पर कुदरत के करिश्मे को समझने में वैज्ञानिकों को काफी मदद मिली है।

इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि, जैसे जैसे मानव सभ्यता का विकास होता गया है और इंसानों ने विशेषता हासिल करनी शुरू की है, उसी तरह से इंसानी दिमाग का आकार भी घटता गया है। प्राचीन काल के मनुष्यों को सूचनाओं को संग्रहीत करने के लिए कम मस्तिष्क ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे उनका दिमाग सिकुड़ जाता है।

दिमाग में कैसे बढ़ता है अल्जाइमर (Human Brain)

इस स्टडी को करने वाले वैज्ञानिक डॉ. जेम्स ट्रैनिएलो ने कहा कि चीटियों का समाज इंसानों के समाज की तरह नहीं है। लेकिन उनके और हमारे समाज में बहुत सी समानताएं हैं। वो समूह में फैसला करते हैं। समूह में भोजन तैयार करते हैं। ज्यादातर कामों के लिए चीटियों के वर्ग निर्धारित हैं, जैसे कि इंसानों में हर काम के लिए अलग-अलग समूह या समुदाय निर्धारित किए गए थे।

क्योंकि हर काम हर इंसान नहीं कर पाता। यहां पर काम का जातीय विभाजन नहीं बल्कि बौद्धिक स्तर पर विभाजन की बात कही जा रही है। डॉ. जेम्स ट्रैनिएलो ने कहा कि चीटियों और इंसानों के बीच ये समानताएं ही दिमाग के स्वरूप को समझने की ताकत देती है। ये समानताएं कई बातों को उजागर करती है।

Read More :Corona Update कोरोना के नए केस घटे, मौत के आंकड़ों चिंताजनक

Connect With Us : Twitter Facebook

Sameer Saini

Sub Editor @indianews | Managing the Technology & Auto Section of the website | Along with this, you will also get the Reviews of Gadgets here. Which Gadget is best for you, here we will tell you 🔥📱

Recent Posts

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बिगड़ी तबीयत, AIIMS में कराया गया भर्ती

पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स…

5 minutes ago

बधाई को लेकर मचा बवाल…दो गुटों में चले जमकर लाते घूंसे, दर्ज हुआ केस

India News (इंडिया न्यूज),UP News: यूपी के बरेली से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है.…

13 minutes ago

CM योगी के निर्देश पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा का विशेष इंतजाम, बनाई जा रही स्पेशल साइबर हेल्प डेस्क

India News (इंडिया न्यूज)Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए…

14 minutes ago

कांग्रेस को किसने दिया नया जीवन? CWC की मीटिंग में हुआ चौंकाने वाला फैसला, इन 2 प्रस्तावों को किया गया पास

Congress CWC Meet: कर्नाटक के बेलगावी में गुरुवार (26 दिसंबर, 2024) को कांग्रेस CWC की…

26 minutes ago