इंडिया न्यूज (Diarrhea Symptoms and Home Remedies )
बारिश के मौसम में अक्सर डायरिया की समस्या बढ़ जाती है। डायरिया मुख्य रूप से वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। लगातार मल त्याग करना, लूज स्टूल, मतली, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन इसके मुख्य लक्षण हैं। तो चलिए जानेंगे डायरिया क्या है, डायरिया के प्रकार। लक्षण और उपाए।
डायरिया को दस्त कहते हैं। यह पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर है। यह समस्या होने पर मल पानी की तरह पतला होता है। आंत से संबंधित यह रोग मुख्य रूप से रोटावायरस के कारण होता है। यह साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणुओं के कारण हो सकता है। हार्मोनल विकार, आंतों मे सूजन, कुछ दवाओं के सेवन से यह हो सकता है। यदि आप प्रॉपर हाइजीन बनाए रखने के साथ स्ट्रीट फूड खाने से बचें और साफ-स्वच्छ पानी पिएं, तो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया को रोका जा सकता है।
एक्यूट डायरिया: यह डायरिया का सबसे कॉमन रूप है, जिसमें काफी लूज और पानी जैसे पतला दस्त होता है। आमतौर पर शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थों के जाते ही यह समस्या खुद ब खुद कम हो जाती है।
लगातार होने वाला डायरिया: इस तरह का दस्त दो से चार सप्ताह तक रहता है।
क्रोनिक डायरिया: इस तरह का डायरिया चार सप्ताह से भी अधिक समय तक आपको परेशान कर सकता है।
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इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज: आईबीडी आंतों में होने वाली एक समस्या है, जिसमें मल में खून आना जैसे दस्त के लक्षण पैदा कर सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण आपकी बड़ी आंत और मलाशय के सबसे भीतरी लाइनिंग में अल्सर का कारण बनती है।
मालएब्जॉर्प्शन: जब आपका पाचन तंत्र भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विफल हो जाता है, तो आपको डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं।
दवाएं: लैक्सेटिव्स और अन्य दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स के सेवन से भी डायरिया हो सकता है।
हार्मोनल विकार: हार्मोन से संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर इरेर्गुलर बाउल मूवमेंट और अन्य डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जिन लोगों को एडिसन्स रोग होता है, उनमें हार्मोन स्टेरॉयड का लेवल अपर्याप्त होता है। ऐसे में इन्हें डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है।
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डायरिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। डायरिया के कॉमन संकेत और लक्षण निम्न हैं। जैसे-जी मिचलाना,पेट में मरोड़, लूज मोशन, सूजन, डिहाइड्रेशन, बुखार, मल में खून आना। वहीं शिशुओं में इसके लक्षण जैसे-कम पेशाब होना,मुंह का सूखना, सिरदर्द, थकान, बुखार, मल में खून या मवाद आना, काला मल, चिड़चिड़ापन, सुस्ती, अधिक नींद आना, धंसी हुई आंखें।
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