India News (इंडिया न्यूज), Can a Woman with TB Breastfeed: टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस एक संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे हड्डियां, लिम्फ नोड्स, किडनी और दिमाग तक भी फैल सकता है। आज भी देश में टीबी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। इस कारण कई मिथक और भ्रम फैले हुए हैं, खासकर महिलाओं को लेकर। उनमें सबसे बड़ा मिथक यह है कि टीबी से ग्रसित महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान नहीं करवा सकतीं।
लेकिन क्या यह सच है? आइए जानें विशेषज्ञों की राय।
Can a woman with TB breastfeed: क्या टीबी से जूझ रही महिलाओं के लिए बच्चे को Breastfeeding कराना होता है सही
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, टीबी से संक्रमित महिला शिशु को स्तनपान करवा सकती है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला को किस प्रकार की टीबी है और उसका इलाज चल रहा है या नहीं।
इस स्थिति में शिशु के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में चिकित्सक से परामर्श लेकर जरूरी सावधानियों के साथ स्तनपान पर विचार किया जाना चाहिए।
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यदि महिला को कम से कम 2 सप्ताह तक एंटी-टीबी दवाएं दी जा चुकी हैं, तो शिशु के संक्रमित होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
ऐसे में स्तनपान कराना सुरक्षित माना जाता है।
जैसे हड्डियों, लिम्फ नोड्स या अन्य अंगों में टीबी हो और फेफड़े प्रभावित न हों, तो महिला बिल्कुल स्तनपान करवा सकती है।
इस प्रकार की टीबी से बच्चे में संक्रमण फैलने की संभावना नहीं होती।
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मास्क पहनें: अगर महिला को फेफड़ों की टीबी है, तो स्तनपान के समय मास्क पहनना जरूरी है, खासकर इलाज की शुरुआत के पहले कुछ हफ्तों में।
साफ-सफाई रखें: हाथों की स्वच्छता, छींकने और खांसने के दौरान सावधानी बरतें।
चिकित्सकीय निगरानी में रहें: नियमित दवा लें और डॉक्टर की सलाह से ही कोई निर्णय लें।
बच्चे की जांच: शिशु में टीबी के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कुछ मामलों में डॉक्टर शिशु को प्रिवेंटिव टीबी ट्रीटमेंट भी दे सकते हैं।
टीबी से पीड़ित महिलाएं भी अपने शिशु को स्तनपान करवा सकती हैं, बशर्ते स्थिति की गंभीरता और उपचार की अवस्था को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरती जाए। यह जानना ज़रूरी है कि स्तनपान न केवल शिशु के लिए पोषण का स्रोत है, बल्कि उसे संक्रमणों से बचाने में भी मदद करता है।
इसलिए मिथकों पर ध्यान देने की बजाय, सही जानकारी और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर निर्णय लेना ही सबसे उपयुक्त है।