India News (इंडिया न्यूज़), Laptop And Infertility: काम हो या कोई जरूरी गैजेट, लैपटॉप जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। यह सारे काम चुटकियों में निपटा देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका असर आपकी मर्दानगी पर भी पड़ता है। जी हां, यह खबर उन लड़कों के लिए है, जिनकी उम्र 30 साल या उससे ज्यादा है, क्योंकि उनकी मर्दानगी खतरे में है। दरअसल, लैपटॉप उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। जाने कैसे?
आधुनिक जीवनशैली में तकनीक इस हद तक जिंदगी में घुस चुकी है कि पार्टनर का साथ छोड़ना तो मंजूर है, लेकिन स्मार्टफोन और लैपटॉप से दूरी बर्दाश्त नहीं होती। अब एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि लंबे समय तक लैपटॉप का इस्तेमाल करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। एक विशेषज्ञ ने इस मुद्दे पर जानकारी दी। साथ ही बताया कि इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है।
विशेषज्ञ के अनुसार, अगर आप भी लंबे समय तक लगातार लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। खास तौर पर अगर आप इसे गोद में रखकर इस्तेमाल करते हैं तो इससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञ ने कहा, “इस मामले पर मिले नतीजे अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। इसके बावजूद 2024 में किए गए एक शोध में सामने आया है कि लैपटॉप और स्मार्टफोन से पैदा होने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से बांझपन बढ़ सकता है। लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड हाइपरथर्मिया का कारण बन सकती है। दरअसल, तापमान में अचानक बढ़ोतरी और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे स्पर्म की क्वालिटी पर बहुत बुरा असर पड़ता है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञ ने बताया कि लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल करने से टेस्टिकल्स का तापमान बढ़ने का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि स्पर्म के निर्माण के लिए जरूरी तापमान शरीर के तापमान से थोड़ा कम होता है। ऐसे में अगर आप लैपटॉप को लंबे समय तक गोद में रखकर इस्तेमाल करते हैं तो टेस्टिकल्स के आसपास के हिस्सों का तापमान बढ़ सकता है। इससे शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता कम हो सकती है, जिससे प्रजनन क्षमता कम होने का खतरा हो सकता है।
स्वास्थ्य रिपोर्ट और उनके आंकड़ों पर गौर करें तो बांझपन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। करीब 15 से 20% युवा जोड़े गर्भधारण करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उन कारणों पर गौर करना बहुत जरूरी है जो नपुंसकता का कारण बन रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, 2005 की शुरुआत में किए गए एक अध्ययन में शुक्राणु उत्पादन में गिरावट देखी गई थी। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लैपटॉप, सेल फोन और लगातार बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर निर्भरता पाया गया था।
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खासकर 30 साल की उम्र के आसपास के पुरुष जो परिवार शुरू करने की सोच रहे हैं, उन्हें लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल करने की आदत से बचना चाहिए। इससे उनके प्रजनन स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और परिवार नियोजन पर भी बुरा असर पड़ता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि अगर आपको लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करना है, तो उसके नीचे कूलिंग पैड रखें या लैपटॉप को टेबल पर रखें।
लैपटॉप पर लगातार काम करने की बजाय बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें। विशेषज्ञ के अनुसार, तकनीक से प्रजनन क्षमता प्रभावित होने के खतरों के बारे में आगाह कर रहें हैं और साथ ही भविष्य में जरूरी कदम उठाने पर जोर दे रहें हैं। अगर इन एहतियाती कदमों का पालन किया जाए तो लैपटॉप या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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