India News (इंडिया न्यूज़), Food Items With Artificial Colors: आजकल हमारे खानपान में कितने बदलाव आ चुके हैं। अपने बिज़ी लाइफस्टाइल के चलते हम सेहत पर ध्यान देना तो मानो जैसे भूलते ही जा रहे हैं, और हमें देखकर हमारे बच्चो का भी यही हाल होता जा रहा है। लेकिन आपके बच्चे आजकल अर्टिफिकल कलर वाली चीज़ो को खाने की ओर ज़्यादा खींचते चले जा रहे हैं जोकि उनकी सेहत पर एक बेहद ही बुरा प्रभाव डाल रहा हैं। आर्टिफिशियल कलर (कृत्रिम रंग) विभिन्न खाद्य पदार्थों में उपयोग किए जाते हैं ताकि उन्हें अधिक आकर्षक बनाया जा सके। यहाँ कुछ प्रमुख खाद्य पदार्थ और पेय हैं जिनमें अक्सर आर्टिफिशियल कलर का उपयोग होता है और तो और ये आपके बच्चो को हद्द नुकसान पहुंचाते हैं:

कैंडी और चॉकलेट:

कैंडी, गमी बेयर, हार्ड कैंडी और चॉकलेट में विभिन्न आर्टिफिशियल कलर मिलाए जाते हैं ताकि उन्हें अधिक रंगीन और आकर्षक बनाया जा सके।

सोडा और सॉफ्ट ड्रिंक्स:

विभिन्न फ्लेवर्ड सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल कलर का उपयोग किया जाता है ताकि वे अपने फ्लेवर के अनुसार रंगीन दिखें।

फ्रूट ड्रिंक्स और जूस:

कुछ फ्रूट ड्रिंक्स और जूस में प्राकृतिक रंग की जगह आर्टिफिशियल कलर मिलाए जाते हैं।

आइसक्रीम और फ्रोज़न डेसर्ट:

विभिन्न फ्लेवर्ड आइसक्रीम और फ्रोज़न डेसर्ट में आर्टिफिशियल कलर का उपयोग किया जाता है।

सिरियल और ब्रेकफास्ट फूड्स:

कई प्रकार के नाश्ते के सिरियल और अन्य ब्रेकफास्ट फूड्स में आर्टिफिशियल कलर होते हैं।

बेक्ड गुड्स:

केक, कुकीज़, डोनट्स, और अन्य बेक्ड गुड्स में भी अक्सर आर्टिफिशियल कलर मिलाए जाते हैं।

स्नैक्स और प्रोसेस्ड फूड्स:

स्नैक्स जैसे चिप्स, क्रैकर्स, और अन्य प्रोसेस्ड फूड्स में भी आर्टिफिशियल कलर का उपयोग किया जाता है।

सॉस और ड्रेसिंग्स:

कुछ सॉस और सलाद ड्रेसिंग्स में भी रंग को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल कलर मिलाए जाते हैं।

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आर्टिफिशियल कलर का उपयोग करने का मुख्य कारण यह है कि यह खाद्य पदार्थों को अधिक आकर्षक और उनके प्राकृतिक रंग से भी अधिक चमकदार बना सकता है। हालांकि, कुछ लोग आर्टिफिशियल कलर के संभावित स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंतित रहते हैं, इसलिए कई निर्माता अब प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की ओर बढ़ रहे हैं।

जाने कैसे आपके बच्चे की सेहत को कर सकता हैं नुकसान

आर्टिफिशियल कलर (कृत्रिम रंग) बच्चों की सेहत को नुकसान पहुँचा सकते हैं। कई शोधों से यह साबित हुआ है कि कुछ आर्टिफिशियल कलर बच्चों में हाइपरएक्टिविटी (अत्यधिक सक्रियता), ध्यान की कमी, और व्यवहारिक समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ आर्टिफिशियल कलर एलर्जी प्रतिक्रियाएं भी उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे त्वचा पर चकत्ते, खुजली, और सांस लेने में कठिनाई। इसके अलावा, लम्बे समय तक आर्टिफिशियल कलर के सेवन से अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा बढ़ सकता है, जैसे पेट की समस्याएं और माइग्रेन। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता अपने बच्चों के आहार में आर्टिफिशियल कलर के उपयोग पर ध्यान दें और कोशिश करें कि उन्हें प्राकृतिक और कम प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ ही खिलाएं।

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