जानिए क्या है आंखों की बीमारी ‘बिलनी’ गुहेरी, कैसे करें बचाओ ?

इंडिया न्यूज:
गर्मियों के सीजन में इंसान को आंखों से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि लोग ज्यादातर काम के सिलसिले में धूप में ज्यादा रहते हैं। जैसे कि आंखों से लगातार आंसू आना, आंखें लाल होना, आंखों में दान निकलना और आंखों की पलकों के पास में बिलनी या गुहेरी निकलना। वैसे तो गुहेरी कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह काफी दर्दनाक होती है। इसकी वजह से आंखों में दर्द, सूजन होती है। साथ ही पलक झपकाने में तकलीफ होने लगती है। तो आइए जानते हैं क्या है बिलनी गुहेरी, कितने प्रकार की होती है, क्यों होती आंखों में और सही करने के उपाए क्या हैं।

क्या होती बिलनी (गुहेरी)?

बिलनी या गुहेरी, पलक में होने वाला एक संक्रमण है जिसके कारण पलक के किनारे के पास एक नर्म, लाल उभार उत्पन्न होता है। बिलनी या गुहेरी (जिसे अंग्रेजी में स्टाई या होर्डिओलम कहते हैं) बैक्टीरिया के कारण होती है। और यह किसी बरौनी के आधार पर (जहां इसे बाहरी बिलनी या गुहेरी कहते हैं) या पलक के अंदर मौजूद छोटी-छोटी तेल ग्रंथियों में से किसी ग्रंथि में (जहां इसे अंदरूनी बिलनी या गुहेरी कहते हैं) हो सकती है। कहते हैं कि जब तेल ग्रंथियां या रोम कूप मेकअप, मृत त्वचा, या धूल-गंदगी के कारण बंद हो जाते हैं, तो बैक्टीरिया उसमें अंदर फंसे रह जाते हैं और संक्रमण कर सकते हैं। इस संक्रमित ग्रंथि को बिलनी या गुहेरी कहते हैं।

कितनी प्रकार की होती है बिलनी?

बिलनी गुहेरी दो प्रकार की होती है। पहली बाहरी बिलनी (गुहेरी), एक बरौनी के आधार पर बिलनी (गुहेरी)। दूसरी अंदरूनी बिलनी (गुहेरी), पलक के भीतर छोटी तेल ग्रंथियों में से एक के भीतर बिलनी (गुहेरी)। हालांकि बिलनियां (गुहेरियां) तेल ग्रंथि के बंद हो जाने का नतीजा होती हैं। पर कई अन्य कारणों से पलक में उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे मिलिया (सफेद धब्बा), कलेजिया (पलकों की गिल्टी), कोई खरोंच, या दुर्लभ मामलों में कैंसर।

क्यों होती है बिलनी?

  • बिलनी (गुहेरी) के लिए स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है। यह बैक्टीरिया नाक में पाया जाता है और जब आप अपनी नाक रगड़कर अपनी आंखें छूते हैं तो यह आसानी से आंख में पहुंच जाता है।
  • बैक्टीरिया बरौनियों के रोमकूपों में शोथ या संक्रमण उत्पन्न कर सकते हैं। रोमकूप वे तेल ग्रंथियां हैं जो वाहिकाओं के जरिए बरौनियों तक तेल पहुंचाती हैं। जब नलिका बंद हो जाती है, तो तेल बहकर नहीं जा पाता और ग्रंथियों में भरने लगता है। ग्रंथि सूजकर लाल हो जाती है, जिससे बिलनी (गुहेरी) बन जाती है।
  • अंदरूनी बिलनियों (गुहेरियों) के मामले में अपने चिकित्सक को दिखाना बेहतर रहता है। बाहरी बिलनियों (गुहेरियों) का उपचार घर पर किया जा सकता है, पर यदि वे एक सप्ताह के बाद भी ठीक न हों तो आपको चिकित्सीय देखभाल लेनी चाहिए।

बिलनियां होने का कारण क्या?

अपनी आंख को छूना या रगड़ना/मलने से हो सकती है परेशानी। पलक में ब्लेफराइटिस के कारण। आंखों के दूषित मेकअप का उपयोग करना। पलकें साफ नहीं करना या मेकअप नहीं उतारना। पहले कभी बिलनियां (गुहेरियां) होना। मधुमेह (रक्त में अधिक शर्करा) होने पर भी हो सकती है दिक्कत। सेबोरीक डमेर्टाइटिस और आॅकुलर रोजेशिया के कारण भी ये परेशानी हो सकती है।

बिलनी के लक्षण क्या?

पलक पर उभार। पलक में दर्द। आंखों में लालिमा होना। पलकों में सूजन। हल्के से छूने भर से दर्द होना। लटकती पलकें। आंखों से पानी आना (पलक के इर्द-गिर्द पपड़ी पड़ना)। जलन की संवेदना। पनीली आखें हो जाना। लक्षण दिखाई देने के बाद, प्रभावित क्षेत्र में एक छोटा दाना विकसित होगा जो प्राय: दर्दयुक्त होता है। आमतौर पर इसके साथ-साथ आंखों में सूजन आ जाती है। कभी-कभी पास का क्षेत्र सूज जाता है और अन्य मामलों में पूरी पलक सूज जाती है। यदि आपको केवल पलक की बजाय आंख में दर्द महसूस हो, तो अपने चिकित्सक को दिखाएं।

क्या बिलनियां संक्रामक होती हैं?

अधिकांश मामलों में, बिलनियां (गुहेरियां) संक्रामक नहीं होती हैं। हालांकि ऐसा संभव है कि बैक्टीरिया एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाए। इसके लिए यह जरूरी होगा कि बिलनी (गुहेरी) से ग्रस्त व्यक्ति अपनी आंख छुए और फिर बैक्टीरिया को सीधे किसी अन्य व्यक्ति की आंख तक पहुंचा दे।

बिलनियों के ठीक होने में कितना समय लगता है?

  • अधिकतर बिलनियां (गुहेरियां) 3 से 7 दिन में ठीक हो जाती हैं, पर वे एक से दो सप्ताह भी टिक सकती हैं। आप कई दिनों तक दिन में तीन से चार बार, 10 से 15 मिनट के लिए हल्की गरम पट्टियां लगाकर इनके ठीक होने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। इससे पीड़ा दूर होगी और बिलनी (गुहेरी) का मुंह बन जाएगा, जैसा आप मुंहासों में देखते हैं। ज्यादातर मामलों में, इसके बाद बिलनी (गुहेरी) खुलकर बह जाती है और अधिक छेड़छाड़ के बिना ठीक हो जाती है।
  • हालांकि अधिकतर बिलनियां (गुहेरियां) बुनियादी घरेलू नुस्खों से ठीक हो जाती हैं, पर कुछ को चिकित्सीय उपचार की या सर्जरी द्वारा खाली करने की जरूरत पड़ती है।

बिलनियों की रोकथाम कैसे करें?

  • अपनी आंखों को न तो छुएं और न रगड़ें/मलें। अपने हाथ बारबार धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। आंखों में खुजली उत्पन्न करने वाली समस्याओं, जैसे एलर्जी का उपचार करें। मूल में स्थित स्थितियों जैसे रोजेशिया, डमेर्टाइटिस, या ब्लेफराइटिस, का उपचार करवाएं। कॉन्टैक्ट लेंसों का उपयोग और उनकी सफाई निदेर्शों के अनुसार करें। अपने हाथ साबुन और गुनगुने पानी से धोएं, या एल्कोहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। आंखों का मेकअप न करें और पुराने मेकअप का उपयोग न करें।
  • हालांकि ज्यादातर बिलनियां जल्दी ठीक हो जाती हैं, पर अतिरिक्त सलाह के लिए अपने आंखों के चिकित्सक से संपर्क करने में संकोच न करें। आपके चिकित्सक उसे तेजी से ठीक होने में मदद के लिए कोई मरहम या बिलनी (गुहेरी) की कोई दवा लिख सकते हैं।

बिलनी का उपचार क्या?

घर पर बिलनी (गुहेरी) का उपचार कर सकते हैं। जैसे-अपनी पलकों को साफ करें। अपने हाथ बारंबार धोएं। पलक साफ करने के पैड का उपयोग करें। कुछ समय के लिए आंखों का मेकअप करना छोड़ दें। कॉन्टैक्ट्स के स्थान पर चश्मा पहनें। हल्की गरम पट्टियां या हल्का गरम साफ कपड़ा रखें। एंटीबायोटिक क्रीम का उपयोग करें। हल्के हाथ से मालिश करें।

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