इंडिया न्यूज (Uric Acid Symptoms and Prevention)
यूरिक एसिड खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न एक प्राकृतिक अपशिष्ट उत्पाद है जिसमें प्यूरिन होता है। जब शरीर में प्यूरिन टूटता है तो यूरिक एसिड पाया जाता है। यदि यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है तो उस स्थिति को हाइपर्यूरिसीमिया के रूप में जाना जाता है। यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की विभिन्न मांसपेशियों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण दर्द होने लगता है और यह दर्द बढ़ने लगता है इससे गाउट नामक बीमारी हो सकती है जो दर्दनाक जोड़ों का कारण बनती है। यह ब्लड और मूत्र को भी एसिडिक बना सकता है। तो चलिए जानेंगे बढ़ने की वजह क्या, कौन सी बीमारियां का रहता है खतरा, लक्षण व उपाए।

यूरिक एसिड बढ़ने का कारण क्या?

  • सबसे पहले आपको बता दें कि खराब खानपान यूरिक एसिड बढ़ने का मुख्य कारण है। कई बार यह समस्या आनुवंशिक होती है। मतलब अगर माता-पिता को यूरिक एसिड की समस्या है तो उनके बच्चों में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं कहते हैं कि मधुमेह रोगियों में इस परेशानी की संभावना ज्यादा रहती है।
  • ब्लड प्रेशर की गोलियां, कैंसर उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं और पेनकिलर्स के सेवन से यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या होती है। रेड मीट, समुद्री फूड, दाल, राजमा, पनीर, मशरूम, टमाटर, भिंडी, बीन्स, बियर और चावल आदि के अधिक सेवन से यूरिक एसिड में वृद्धि हो सकती है। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है।

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यूरिक एसिड के लक्षण: जोड़ों में असहनीय दर्द और सूजन हो सकती है। जोड़ों को छूने पर दर्द का अहसास होगा। हाथों और पैरों में दर्द की समस्या होने लगती है जिसके परिणाम स्वरूप कई बार इनमें सूजन भी आ जाती है। पैरों को हिलाने में भी समस्या होती है। एड़ी में असहनीय दर्द होता है। हाथों और पैरों की उंगलियों में सूजन और दर्द होने लगता है। कई बार हाथ की मुट्ठी बंद करने पर दर्द होता है।

  • हाथ की उंगलियों में भी दर्द शुरू हो जाता है। इनके जोड़ छूने पर भी पीड़ा का अहसास होता है। लगातार पैर मोड़ने या उठने-बैठने के दौरान दर्द होता है। दवा लेने पर भी आराम नहीं मिलता। किडनी संबंधित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। किडनी में स्टोन बनने की समस्या होना भी लक्षण में शामिल है। बार-बार पेशाब आना भी लक्षण है। पीठ में गंभीर दर्द और उठने-बैठने में समस्या हो सकती है।

कौन सी बीमारियों का रहता है खतरा?

यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनी के जरिए फिल्टर हो जाता है जो यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड बनने से किडनी फिल्टर नहीं कर पाती और खून में यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा हो जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा होने लगता है और गाउट (गठिया का जटिल रूप) की समस्या पैदा हो जाती है। मोटापा, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड और डायबिटीज जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।

इस तरह रखें ध्यान?

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा जानने के लिए टेस्ट कराएं। अगर यूरिक एसिड बढ़ने के संकेत हैं, तो ध्यान रखें। प्यूरीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे तला-भुना व जंक फूड, नमकीन, रेड मीट, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बाबंद फल, आइसक्रीम, सी फूड, पालक, टमाटर, भिंडी, मटर, फूलगोभी, बीन्स, मशरूम, सेम जैसी फलियां, बियर और अन्य मादक पेय, खमीर से बने खाद्य पदार्थ जैसे- ब्रेड आदि उत्पाद के अधिक सेवन से बचें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और फाइबर युक्त फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाना चाहिए।

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