डॉक्टरों के अनुसार, कम नींद लेने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इनमें से कुछ गंभीर बीमारियाँ हैं, जो कम सोने की आदत से उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में और यह कैसे हमारे शरीर को प्रभावित करती हैं।
क्या कहते है एक्सपर्ट्स?
1. कैंसर
नींद की कमी और कैंसर के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया है। डॉक्टर आलोक शर्मा, जो एक प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन हैं, ने एक पॉडकास्ट शो में इस पर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा कि जो लोग नियमित रूप से कम सोते हैं, उनके लिए कैंसर का जोखिम सबसे ज्यादा बढ़ जाता है।
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कैंसर का कारण मुख्य रूप से हॉर्मोनल असंतुलन होता है, और जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो हमारे शरीर के हॉर्मोनल स्तर प्रभावित होते हैं। इससे ब्रेस्ट कैंसर और कोलन कैंसर जैसे गंभीर रोगों का खतरा बढ़ सकता है। नींद की कमी से मेलाटोनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट का स्तर घटने लगता है, जो हमारे शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है।
मेलाटोनिन का उत्पादन रात के समय होता है, जब हम सोते हैं। यदि हम देर रात तक जागते रहते हैं और रात की अच्छी नींद नहीं लेते, तो मेलाटोनिन का स्तर गिर जाता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए नींद के पैटर्न को सही रखना बेहद जरूरी है।
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2. डायबिटीज (मधुमेह)
कम सोने से दूसरी गंभीर बीमारी जो सामने आती है, वह है डायबिटीज। शोधों से यह पता चला है कि जब हम कम सोते हैं, तो हमारा शरीर इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है। इंसुलिन शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है, और उसकी कमी से शुगर का स्तर बढ़ सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, कम नींद लेने से भूख और खाने की आदतों में भी बदलाव आता है। इसके कारण, लोग ज्यादा कैलोरी खाते हैं, जिससे वजन बढ़ता है, और यह भी डायबिटीज के विकास को बढ़ावा देता है।
3. दिल की बीमारियाँ
नींद की कमी से तीसरी प्रमुख बीमारी, जो सामने आती है, वह है दिल की बीमारियाँ। जब हम नींद नहीं लेते, तो हमारे शरीर में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है। कोर्टिसोल की उच्च मात्रा रक्तचाप को बढ़ाती है और दिल की धड़कनों को असंतुलित कर सकती है, जिससे दिल से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लंबे समय तक नींद की कमी से दिल के दौरे और हृदयाघात का जोखिम बढ़ सकता है।
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नींद की कमी का शरीर पर अन्य प्रभाव
नींद की कमी से अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएँ भी हो सकती हैं, जैसे:
- मनोवैज्ञानिक समस्याएँ: नींद की कमी से मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यह हमारी याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
- कमजोर इम्यून सिस्टम: नींद की कमी से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे हम जल्दी बीमार हो सकते हैं।
- वजन बढ़ना: नींद की कमी से भूख बढ़ सकती है, खासकर कार्बोहाइड्रेट्स और मिठाईयों के लिए। इसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ सकता है, जो मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
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डॉक्टरों की सलाह: कैसे बेहतर नींद लें?
- नियत समय पर सोने की आदत डालें: शरीर का स्लीप साइकिल (सर्केडियन रिदम) नियंत्रित रखने के लिए रात को एक ही समय पर सोने की कोशिश करें।
- स्क्रीन से दूरी बनाएं: सोने से पहले मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी के स्क्रीन से दूरी बनाएं, क्योंकि इनसे निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को प्रभावित करती है।
- आरामदायक माहौल बनाएं: सोने का माहौल शांत और आरामदायक बनाएं, ताकि आपकी नींद में कोई विघ्न न आए।
- कैफीन और शराब से बचें: सोने से पहले कैफीन और शराब का सेवन नींद को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इन्हें सीमित करें।
- व्यायाम करें: दिन में हल्का व्यायाम करने से रात में अच्छी नींद आती है, लेकिन सोने से ठीक पहले भारी व्यायाम से बचें।
सोना उतना ही जरूरी है जितना खाना-पीना। नींद की कमी से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं, जिनमें कैंसर, डायबिटीज और हृदय संबंधी समस्याएँ प्रमुख हैं। इसलिए, अपनी नींद का ध्यान रखें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए हर रात पर्याप्त नींद लेने की आदत डालें।
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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।