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Maasik-Dharam Chakar : नारियों, जानिये अपने अनमोल शरीर के बारे में

Mukta • LAST UPDATED : December 15, 2021, 1:18 pm IST

नेचुरोपैथ कौशल
Maasik-Dharam Chakar मासिक-धर्म स्त्रियों के शरीर में होने वाला हार्मोन सम्बन्धी परिवर्तन है। इस प्रक्रिया के दौरान हर लड़की को गुजरना पड़ता है क्योंकि प्रत्येक लड़की एक दिन मां बनती है। किशोरावस्था में पहुंचने पर लड़कियों के अंडाशय इस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन नामक हार्मोन उत्पन्न करने लगते हैं।

इन हार्मोन की वजह से हर महीने एक बार गर्भाशय की परत मोटी होने लगती है और वह गर्भ धारण के लिए तैयार हो जाता है। इसी बीच कुछ अन्य हार्मोन अंडाशय को एक अनिषेचित डिम्ब उत्पन्न एवं उत्सर्जित करने का संकेत देते हैं। अधिकतर लड़कियों में यह लगभग 28 दिनों के अन्तराल पर होता है।

सामान्यतः (Maasik-Dharam Chakar)

यदि लड़की डिम्ब (अण्डा) के उत्सर्जन (अंडाशय से डिम्ब का निकलना) के आसपास यौन संबंध नहीं बनाती हैं, तो किसी शुक्राणु के डिम्ब तक पहुंच कर उसे निषेचित करने की संभावनाएं नहीं रह जाती हैं। अतः गर्भाशय की वह परत जो मोटी होकर गर्भावस्था के लिए तैयार हो रही थी, टूटकर रक्तस्राव के रुप में बाहर निकल जाती है। इसे मासिक धर्म कहते हैं।

पहले पाँच दिन (Maasik-Dharam Chakar)

चक्र के पहले दिन गर्भाशय की परत के ऊतक, रक्त व अनिषेचित डिम्ब योनि के रास्ते शरीर के बाहर आने लगते हैं। यह मासिक धर्म कहलाता है।

28 दिनों के मासिक चक्र में (Maasik-Dharam Chakar)

यह चरण 1से 5 दिनों तक रहता है। पर यदि किसी का मासिक धर्म 2 दिन जितना छोटा हो या 8 दिन जितना बड़ा, तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, यह सामान्य है।

अगले आठ-नौ दिन (Maasik-Dharam Chakar)

मासिक धर्म के ख़त्म होते ही गर्भाशय की परत मोटी होना शुरू हो जाती है, और दोनों में से एक अंडाशय, एक परिपक्व अनिषेचित डिम्ब का उत्पादन करता है। इस समय योनि में होने वाले स्राव में भी बदलाव महसूस किया जा सकता है। यह ज़्यादा चिपचिपा, सफ़ेद, दूधिया या धुंधला हो सकता है। यह बदलाव इस बात का संकेत हो सकते हैं कि स्त्री महीने के उर्वरक समय में प्रवेश कर रही है।

(Maasik-Dharam Chakar)

डिम्ब उत्सर्जन के ठीक पहले योनि स्राव का रंग एवं बनावट कच्चे अण्डे के सफ़ेद भाग के जैसा हो सकता है। यह स्राव चिकना एवं पारदर्शक हो सकता है। जो शुक्राणु को डिम्ब तक पहुँचने में मदद करता है।

मासिक धर्म चरण की तरह ही यह चरण भी 7 दिनों जितना छोटा या 19 दिनों जितना बड़ा हो जाता है।

अगले दो दिन (Maasik-Dharam Chakar)

डिम्ब के उत्सर्जन में अंडाशय, एक परिपक्वअनिषेचित डिम्ब का उत्सर्जन करता है, जो डिम्बवाही नली में पहुँचता है। डिम्ब के उत्सर्जन के समय कुछ लड़कियाँ एवं महिलाएँ पेट या निचली पीठ के एक तरफ़ हल्का दर्द महसूस कर सकती हैं। यह भी पूरी तरह सामान्य है।

डिम्ब का उत्सर्जन मासिक धर्म के पहले दिन के लगभग 14 दिन बाद होता है। इसी बीच गर्भाशय की परत और मोटी हो जाती है।

(Maasik-Dharam Chakar)

आगे अट्ठाइसवें दिन तक; उत्सर्जित डिम्ब, डिम्बवाही नली से होता हुआ गर्भाशय तक पहुँचता है। गर्भाशय की परत डिम्ब को ग्रहण करने के लिए अधिक मोटी हो जाती है। यदि शुक्राणु द्वारा डिम्ब का निषेचन नहीं होता है तो वह नष्ट हो जाता है। शरीर गर्भाशय की परत एवं डिम्ब को बाहर निकाल देता है, और मासिक धर्म शुरु हो जाता है।
यदि डिम्ब का निषेचन हो जाता है, और वह गर्भाशय की दीवार से चिपक जाता है, और मासिक धर्म नहीं होता है तो इसका अर्थ है कि महिला गर्भवती है। अब मासिक चक्र बच्चे के जन्म तक बंद हो जाता है.!

(Maasik-Dharam Chakar)

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