होम / Madhumeh Mukat Bharat Abhiyan अधिक ग्लूकोज़ शरीर मे हानिकारक क्यों

Madhumeh Mukat Bharat Abhiyan अधिक ग्लूकोज़ शरीर मे हानिकारक क्यों

Mukta • LAST UPDATED : October 22, 2021, 6:17 am IST

नेचुरोपैथ कौशल

डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज के शरीर के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक होता है। जब, व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं।

जैसा कि, इंसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज का संचार करता है। इसीलिए, जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता तो पीड़ित व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

● अधिक ग्लूकोस शरीर मे लंबे समय तक रहे, तो यह शरीर की छोटी और बड़ी धमनियों को प्रभावित करता है।
● अधिक ग्लूकोस शरीर के प्रोटीन्स के साथ मिलकर कुछ जैव रासायनिक पदार्थ बनाता है, जो शरीर के उत्तको को साइटोकाइंस द्वारा नुकसान पहुचांते है।

● सूक्ष्म नलिकाओं की झिल्ली मोटी हो जाती है।
● इससे सूक्ष्म नलिकाओं मे नेगेटिव चार्ज कम हो जाता है।
● जैसे गुर्दे की एवं उनकी अनेक चयापचय की प्रतिक्रियाए प्रभावित होती है तथा उनका विकास अवरूद्ध होता है।
● ये सभी प्रभाव शरीर के प्रत्येक अंग मे एक साथ घट रहे होते है।

(Madhumeh Mukat Bharat Abhiyan)

● बड़ी धमनियों मे स्मूथ मसल कोशिकाओ मे तीव्र वृद्धि होने से एथेरोस्कलेरोसिस अधिक तेजी से होता है।
● अधिक ग्लूकोस स्वयं भी इंसुलिन के स्त्राव को कम करता है।
● इसी प्रकार कोशिकाओ के बीच मे उपस्थित मैट्रिक्स मे खराबी आ जाती है और उत्तक कमजोर हो जाते है।

● सूक्ष्म नलिकाओं की आंतरिक सतह (जो बहते रक्त के स्पर्श मे आती है) मे एक जैव रसायन नाइट्रिक ऑक्साइड की कमी से अनेक प्रतिक्रियाएं प्रभावित होती है।
● कोशिकाओ की झिल्ली की क्रियाए प्रभावित होने से आयनिक अनियमितताए होती है।
● इस प्रकार शरीर का चयापचय प्रभावित होता है, अधिक ग्लूकोस जीवाणुओ के लिए मददगार होता है।
● रक्त कोशिकाओ की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए संक्रमण अधिक होते है।

निदान के लिए रक्त ग्लूकोस की जांच आवश्यक है..

(A) खाली पेट:-
सामान्य- 70 से 100
डायबिटीज- 126 से अधिक
आई.एफ.जी.- 101से 126

(B) भोजन के 2 घंटे बाद :
सामान्य – 140 से कम
डायबिटीज- 200 से अधिक
आई.जी. टी.- 140 से 200
आई.एफ.जी. (इम्पेयर्ड फास्टिंग ग्लूकोस)

खाली पेट ग्लूकोस सामान्य से अधिक किन्तु डायबिटीज की श्रेणी से कम होता है।
101 से 125 के बीच।
आई.जी.टी. (इम्पेयर्ड ग्लूकोस टॉलरेंस)
खाली पेट तो रक्त ग्लूकोस सामान्य होता है।

किन्तु भोजन के बाद सामान्य से ज्यादा पर डायबिटीज की श्रेणी से कम होता है।
141 से 199 के बीच।
दोनो ही स्थितियों मे डायबिटीज कुछ समय बाद होने का अंदेशा रहता है तथा सामान्य से अधिक रक्त ग्लूकोस होने से डायबिटीज की विकृतियां भी आ सकती है।

(Madhumeh Mukat Bharat Abhiyan)

Read Also :Panchkedar In Uttarakhand उत्तराखंड में पंचकेदार के नाम से विराजमान है भगवान शिव

Connect With Us : Twitter Facebook

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.