होम / Memory Loss Symptoms नींद पूरी न हो तो घट सकती है मेमोरी

Memory Loss Symptoms नींद पूरी न हो तो घट सकती है मेमोरी

India News Editor • LAST UPDATED : November 3, 2021, 2:12 pm IST

इंडिया न्यूज, वॉशिंगटन :

Memory Loss Symptoms : यदि कामयाबी के लिए जागना जरूरी है तो स्वस्थ रहने के लिए नींद पूरी करना भी बेहद आवश्यक है। जरूरत से कम सोना या ज्यादा नींद लेना भी शरीर को लिए हानिकारक है। जो लोग साढ़ें 7 घंटे से कम सोते हैं, उनकी आगे जाकर याद्दाश्त कम हो सकती है।

वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में ये दावा किया है। रिसर्चर और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ। ब्रेंडेन लूसी का कहना है कि अधूरी नींद या ठीक से नींद न आने पर सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। दिमाग पर पड़ने वाला यह असर आपकी सोचने-समझने की क्षमता और याद्दाश्त पर दिखता है।

रिसर्चर्स का कहना है, ह्यअगर आप 8 घंटे की नींद ले रहे हैं। 30 मिनट पहले अलार्म सेट करते हैं, तो साढ़े सात घंटे की नींद ब्रेन पर सकारात्मक असर डालती है। अल्जाइमर्स डिजीज यानी चीजों को भूलने की बीमारी के खतरे को कम करती है।

दिमाग में कैसे बढ़ता है अल्जाइमर (Memory Loss Symptoms)

सोते वक्त हमारे शरीर में कुछ सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। इनमें हमारा विकास, सुधार, कोशिकाओं का रिलेक्स होना व मानसिक विकास शामिल हैं। अगर हम पूरी नींद नहीं लेते हैं, तो ये फायदे हमें नहीं मिल पाते हैं। पूरी नींद न लेना मानसिक क्षमता और स्मरण शक्ति के लिए बेहद खतरनाक है। आपकी याददाश्त कम हो सकती है, यहां तक कि भूलने की बीमारी भी हो सकती है।

पर्याप्त नींद न लेने वाले अक्सर तनाव व मानसिक समस्याओं के शिकार हो जाते हैं। पूरी नींद न लेने से मस्तिष्क को सही मात्रा में आराम नहीं मिल पाता। औसतन 75 साल की उम्र वाले 100 बुजुर्गों पर हुई रिसर्च में इसकी पुष्टि भी हुई। रिसर्च के लिए इन बुजुर्गों के माथे पर एक छोटा सा मॉनिटर बांधा गया।

नींद के दौरान ब्रेन में किस तरह की एक्टिविटी हुई, इसे मॉनिटर से जांचा गया। औसतन साढ़े चार साल चली रिसर्च में सामने आया कि इसका ब्रेन की एक्टिविटी पर असर होता है।

वैज्ञानिकों की ये है राय (Memory Loss Symptoms)

मरीजों में भूलने की बीमारी अल्जाइमर्स के लिए एक खास तरह का प्रोटीन जिम्मेदार होता है। रिसर्च में शामिल बुजुर्गों के ब्रेन के सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड में उस प्रोटीन का स्तर क्या है, इसे जांचा गया।

जिन मरीजों ने हर रात करीब 7।5 घंटे की नींद ली, उनकी सोचने-समझने की क्षमता यानी कॉग्निटिव स्कोर बेहतर मिला। जिन लोगों ने रोजाना 5 या साढ़े पांच घंटे की नींद ली उनमें यह स्कोर कम मिला।

दिमाग 3000 साल पहले क्यों छोटा हुआ (Memory Loss Symptoms)

कम नींद का प्रभाव आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। पर्याप्त नींद न लेने पर पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिसके कारण आपको पेट साफ न होने या कब्ज की समस्या भी हो सकती है। नींद पूरी नहीं होने पर शरीर व दिमाग को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता, जिसके कारण शारीरिक दर्द, अकड़न, सिर का भारी होना, चिड़चिड़ापन जैसे परेशानियां होना आम बात है।

(Memory Loss Symptoms)

Read Also : Moong Dal Halwa मूंग की दाल के हलवे से कराएं मुंह मीठा

Connect With Us : : Twitter Facebook

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.