India News (इंडिया न्यूज), Mental Health: आज की डिजिटल युवा पीढ़ी के ज़्यादातर लोगों में फोकस की कमी है और वे किसी न किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं। खराब मानसिक स्वास्थ्य के कई कारण हैं और उनमें से एक है ज़्यादा सोचना। आजकल बहुत से लोग इससे प्रभावित हैं। यह खासकर युवा पीढ़ी में आम है। सोशल मीडिया के इस दौर में हंसते-खेलते फोटो के पीछे कई उदास और बेचैन चेहरे छिपे हैं, जिन्हें पहचानना बहुत ज़रूरी है। अगर ज़्यादा सोचने पर काबू पाने के उपाय नहीं खोजे गए तो यह डिप्रेशन और यहां तक कि आत्महत्या का कारण भी बन सकता है। ऐसे में कुछ तरीकों की मदद से इसे संभाला जा सकता है।
इस तरह ओवरथिंकिंग पर काबू पाएं- Mental Health
- जो भी काम कर रहे हैं, उससे ब्रेक लें और लंबी गहरी सांस लें।
- जो भी परिस्थिति आए उसे स्वीकार करें और उसके हिसाब से अगले दिन के लिए टू-डू लिस्ट बनाएं और हर परिस्थिति में खुद को व्यस्त रखें।
- जब आपको लगे कि दिमाग ज़्यादा सोचने वाला है, तो उठकर थोड़ी देर टहल लें, कोई गाना सुनें या अपना पसंदीदा स्नैक खाएं। इससे तुरंत दिमाग का ध्यान हट जाता है।
- ज़्यादा सोचने की बजाय अपने मन में आने वाली भावनाओं को डायरी में लिख लें। अगर आपका व्याकरण सही नहीं है, या आपने जो लिखा है वो बेकार और अर्थहीन है, तब भी उन्हें लिख लें और फिर अगर आपको थोड़ा हल्का महसूस हो तो आप डायरी से ये कागज निकाल सकते हैं।
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- पैसा आज है, कल नहीं, पैसे के बारे में ज़्यादा सोचना पैसे के साथ-साथ समय और स्वास्थ्य को भी बरबाद करता है।
- ज़्यादा बोलने के बजाय ज़्यादा सुनें। अगर आप बोलते समय ज़्यादा बोलते हैं तो ज़्यादा सोचने की बाढ़ आ जाती है। बेहतर है कि आप ज़मीन से जुड़े रहें, लोगों की बात सुनें और अपनी राय किसी पर न थोपें। Mental Health
- समस्याओं को जानते हुए भी उन्हें हैंडल न कर पाने की वजह से यह पीढ़ी मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र की आबादी को और भी ज़्यादा बढ़ा देती है। अनुभवी लोगों के जीवन को पुराना मानने की बजाय उनसे सीखें और ज़्यादा सोचकर अपनी समस्याओं को न बढ़ाएँ।