इंडिया न्यूज (Migraine Problem)
माइग्रेन (आधासीसी) सिर में बार-बार होने वाला दर्द है जो सिर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है। माइग्रेन होने पर मतली, उल्टी और प्रकाश तथा ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है। माइग्रेन का दर्द कनपटी या आंख को अपने घेरे में ले लेता है। अमूमन यह तकलीफ 4 से 72 घंटे तक बनी रहती है। तो चलिए जानेंगे माइग्रेन से कैसे करें बचाव।
माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द की पहचान ऑरा से होती है। ऑरा दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं। जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन सिर के एक ही हिस्से में दर्द होना आदि लक्षण होते हैं।
माइग्रेन से बचाव का तरीका
नींद पूरी लें: तनाव की वजह से नींद में बांधा पैदा होता है, जिसकी वजह से स्लीप पैटर्न गड़बड़ता है, जिसकी वजह से तनाव पैदा होता है। जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो शरीर को अगले दिन के लिए पूरा आराम मिलता है और वह ऊजार्वान बने रहते हैं। इसलिए हर दिन नियमित समय पर सोएं और उठें। सोते हुए अपने आसपास इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं रखने चाहिए।
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व्यायाम: हर दिन कम से कम आधे घंटे कि सैर, व्यायाम या अन्य किसी भी प्रकार के शारीरिक व्यायाम जरूर करें। शारीरिक गतिविधि से आपके मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स द्वारा एंडोरफिन्स पैदा होते हैं, जो कि कुदरती तौर पर दर्द निवारक (पेनकिलर्स) का काम करते हैं।
संतुलित खानपान: सेहतमंद और संतुलित खानपान से आप तनाव से दूर रह सकते हैं। आप अपनी खुराक में ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। सही मात्रा और सही खानपान तनाव से बचाने में सहायक होता है। ताजे फलों- जैसे कि संतरे, एवोकाडो और ब्लूबेरी तथा ताजी सब्जियां मैं शिमला मिर्च, आलू, गाजर, गोभी व सूखे मेवों में बादाम, पिस्ता आदि का सेवन करें। कुछ खास तरह के फूड और बेवेरेज जैसे कि शराब, कैफीन आधारित ड्रिंक्स जैसे कॉफी और ईस्ट युक्त बेक्ड खानपान सामग्री-जैसे सारडो ब्रेड, चॉकलेट, कल्चर्ड डेयरी प्रॉडक्ट्स जैसे योगर्ट आदि का सेवन न करना भी माइग्रेन से बचाव में कारगर होता है।
धूम्रपान छोड़ें: प्राय: माइग्रेन को ट्रिगर करता है। यदि आप अल्कोहल का सेवन करते हैं तो इसकी मात्रा 1-2 ड्रिंक्स तक ही सीमित रखें। स्मोकिंग की वजह से भी कुछ लोगों को माइग्रेन होता है। इसलिए इसपर भी रोक लगाएं।
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