इंडिया न्यूज (Benefits Of Music)
आज के समय हर किसी को संगीत सुनना पसंद होता है। बहुत से लोगों को सबके सामने संगीत सुनना व गुनगुनाना अच्छा नहीं लगता लेकिन वे लोग बाथरूम सिंगर होते हैं। अगर आप जीवनभर तनाव से दूर और खुशहाल रहना चाहते हैं तो जितनी जल्दी हो सके संगीत से रिश्ता बना लीजिए। संगीत की खूबी भी यही है कि जब चाहें, जैसा चाहें सुने और फिर अपना मूड बदल लें। तो चलिए जानेंगे संगीत किन बीमारियों का कारगार इलाज है।
हाई ब्लड-प्रेशर और स्ट्रोक में लाभकारी: रोजाना सुबह-शाम कुछ देर तक संगीत सुनने से उच्च-रक्तचाप का स्तर सुधरता है तो वहीं धीमी गति का संगीत सुनने से स्ट्रोक की समस्या दूर होती है। संगीत में तीन तंत्रिका तंत्र होते हैं, जिससे दिमागी सुकून मिलता है। स्ट्रोक की स्थिति में बिस्तर पर धीमा संगीत सुनने से आराम मिलता है।
उदासीनता दूर करे: आप खुलकर गाते हैं तो मन वैसे ही खुश रहता है। जब आप एक समूह में गाते हैं। चाहे वह एक बड़ा समूह हो या फिर छोटा तो सामूहिक गायन से शरीर में एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज होता है, जिसे फील-गुड हॉर्मोन कहते हैं। ये हॉर्मोन सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा देने में मदद करता है।
तनाव के हॉर्मोन कम करे: गायन प्रतिरक्षा प्रणाली को दुरुस्त रखने के साथ ही बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। संगीत सुनना तनाव के हॉर्मोन को कम करता है लेकिन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए खुलकर गाना जरूरी है। गाना गाने से इम्युनोग्लोबुलिन नामक एंटीबॉडी बनती है जो शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करती है।
खरार्टों में सुधार लाए: नियमित गायन सांस लेने की प्रक्रिया को सुधार सकता है, शोधकतार्ओं ने इस बात की पुष्टि की है। खरार्टे लेने वाले व्यक्तियों के दो समूहों पर हुए इस शोध में, एक समूह गाना गाने वाला था और दूसरा कभी-कभी गाने वाला व गाना न गाने वाला था। कम गाना गाने वालों ने खरार्टे लिए जबकि जो गाते थे उन्होंने खरार्टे नहीं लिए। वहीं जो लोग बांसुरी जैसा कोई वायु वाद्य यंत्र बजाते हैं वे भी सामान्य लोगों की तुलना में कम खरार्टे लेते हैं।
याद्दाश्त बढ़ाए: अल्जाइमर और डिमेंशिया से ग्रस्त लोग धीरे-धीरे याद्दाश्त कम होने का अनुभव करते हैं। इन समस्याओं से ग्रस्त लोग गाने के बोल, दूसरे शब्दों की तुलना में अधिक आसानी से याद करने में सक्षम होते हैं। इसीलिए माना जाता है कि जो लोग गाना गाते हैं या संगीत प्रेमी होते हैं उनकी याद्दाश्त अच्छी बनी रहती है।
बोलने की क्षमता में सुधार: गाना गाने के दौरान कई शब्दों को ऊंचा तो कई को धीमा बोला जाता है। साथ ही कई नए शब्द भी सीखने को मिलते हैं। इस तरह के उच्चारण से जबान साफ होती है और शब्द भी साफ निकलते हैं। बचपन से गाना गाने वाले बच्चे, कठिन शब्दों को बड़ों की तुलना में अधिक साफ बोल पाते हैं।
सामाजिकता बनाए: जब हम दूसरों के साथ मिलकर गाते हैं, तो एक अपनापन, एकता व जुड़ाव महसूस होता है। ठीक वैसे ही जैसे साथ खेलने वाले खिलाड़ी अनुभव करते हैं। बच्चों को उनके दोस्तों के साथ गाना गाने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे भी सामाजिक रूप से लोगों से जुड़ सकें।
फेफड़े दुरुस्त रखे: गाने गाते हुए गहरी सांस लेना और छोड़ना सामान्य है। ऐसा करना फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इससे फेफड़ों से संबंधित रोगों की आशंका भी कम होती है। गायन से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ती है, जो सेहत के लिए लाभदायक है।
नींद अच्छी आती है: अगर आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं तो सोते समय सुखदायक संगीत सुनना शुरू कर दीजिए। एक सुखद नींद के लिए सोने से पहले 30-45 मिनट का संगीत सुनने की आदत अवश्य डालें। रॉक या रेट्रो संगीत से रात को दूर रहे, नहीं तो परिणाम विपरीत भी आ सकते हैं। सोने से कुछ समय पहले शास्त्रीय संगीत को सुनें। क्योंकि शास्त्रीय संगीत सहानुभूति तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को कम करके चिंता को घटाता है। मांसपेशियों को आराम देता है और उन विचारों की व्याकुलता को दूर करता है जो आपके सोने में बाधक हैं।
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