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Naturally White Teeth: प्राकृतिक रूप से सफेद दांत की चाह है तो ये टिप्स आजमाएं

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली

Naturally White Teeth: हम हमेशा सफेद दांतों और सही मुस्कान के बारे में सोचते रहते हैं। चाहे वो डेंटिस्ट हों या रोगी। दांतों के दर्द के बाद, सफेद दांतों की तलाश लोगों के लिए डेंटल विजिट का समय तय करने की अगली सबसे अच्छी वजह रही है। आइए समझते हैं कि सफेद रंग आपकी मुस्कान और ओवरऑल कॉन्फिडेंस को कैसे प्रभावित करता है और आपके आइडियल व्हाइटनिंग सॉल्यूशन क्या हो सकते हैं। प्राकृतिक रूप से दिखने वाले सफेद दांतों के कुछ रहस्यों को हमने आपके साथ यहां साझा किया है।

सफेद का मतलब है हेल्दी

याद रखने वाली सबसे अहम बात ये है कि सफेद दांत आमतौर पर हेल्दी होते हैं। जबकि पीले दांत भी स्वस्थ हो सकते हैं, उन्हें दाग हटाने के लिए हमेशा साफ करना चाहिए। अगर आप अपने दांतों में भूरा, काला या ग्रेइश डिस्कलरेशन देखते हैं, तो निश्चित रूप से इस पर ध्यान देने की जरूरत है जो डिकेय से लेकर नर्व डैमेज तक के डेंटल डिजीज का संकेत देता है। तो आप अपनी मुस्कान में जो सबसे अच्छा रंग चुन सकते हैं, वो निश्चित रूप से सफेद है, न केवल इसलिए कि ये बेहतर दिखता है, बल्कि इसलिए भी कि ये अच्छे हेल्दी दांतों का संकेत देता है।

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व्हाइट, व्हाइटर, व्हाइटेस्ट

कुछ निश्चित पैरामीटर हैं जो हमारी यूनिक व्हाइटनेस जरूरतों में योगदान करते हैं। जबकि देखा जाता है कि कुछ रोगी भूरे से काले दांतों के साथ दिखाई देते हैं, वहीं कई दूसरे ऐसे भी हैं जो सफेद और हेल्दी नेचुरल दांतों के साथ भी कॉन्फिडेंस से मुस्कुरा नहीं सकते हैं। इसका हमारी सेल्फ-इमेज हमारे पेशे और यहां तक कि हमारे रंग-रूप से भी बहुत कुछ लेना-देना होता है। कभी गौर किया है कि कैसे गहरे रंग की त्वचा वाले व्यक्ति के दांत चमकदार दिखते हैं, ये विपरीत प्रभाव है, यही वजह है जिसमें हम देखते हैं कि गोरे रंग के कई व्यक्ति अपनी मुस्कान के रंग से संतुष्ट नहीं होते हैं और हमेशा आगे इसे शाइनी या हल्का करने की तलाश में रहते हैं।

कितना होने पर बहुत ज्यादा होगा

जब हम सफेद दांत पाना चाह रहे हैं तो दांतों के सफेद होने और सफेद रहने की कैपेसिटी को समझना अहम है। ये काफी हद तक नेचुरल इनेमेल लेयर की मात्रा और मोटाई से निर्धारित होता है जो व्हाइट अपीयरेंस में योगदान देता है और ये धीरे-धीरे एक इनर येलो लेयर को रास्ता देने के साथ कम हो जाता है और यहां तक कि बहुत बूढ़े दांतों में हल्का भूरा रंग भी दे सकता है। इसलिए ये समझना अहम है कि सभी दांत समान रूप से सफेद नहीं होते हैं, लेकिन तकनीक है अगर आपके नेचुरल दांत इनेमल लेयर्ड है तो आपके पास प्रोस्थेटिकली रूप से सफेद दांत बनाने के लिए कई तरह के ट्रीटमेंट ऑप्शन हैं जो अभी भी एक्सट्रीमली लाइफ जैसे और नेचुरल दिखते हैं।

सभी रास्ते सफेद और चमकीले होते हैं

ऐसे कई ट्रीटमेंट हैं जो आपको सफेद, साफ और चमकदार दांतों का भरोसा दे सकते हैं। वो एक साधारण सफाई से लेकर आपके दांतों पर पीले और भूरे रंग के दागों को साफ करने से लेकर ब्लीचिंग या वाइटनिंग प्रोसेस तक हो सकते हैं जो आपकी इनेमल लेयर को ब्राइट करते हैं। डेंटल सेंसिटिविटी और उम्र से संबंधित इनेमल के नुकसान वाले पेशेंट के लिए एक अच्छा उम्मीदवार नहीं है और उसे दूसरे ऑप्शन्स पर विचार करना चाहिए। अगर आपके दांत सड़ चुके हैं या पहले डेंटिस्ट का काम किया हुआ है तो सिरेमिक वेनियर्स या यहां तक कि क्राउन जैसे ऑप्शन आपके लिए एक सजीव, प्राकृतिक और लंबे समय तक चलने वाली सफेद मुस्कान पैदा कर सकते हैं।

आपका कस्टम वाइटनिंग प्रोटोकॉल

पूरी तरह से सफेद मुस्कान हासिल करना और इसे इस तरह बनाए रखना आप क्या खाते हैं और आपकी ओरल हाइजीन की आदतों के साथ भी बहुत कुछ करता है। अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो धूम्रपान करते हैं और अपने डाइट के एक प्रमुख हिस्से के रूप में कैफीन और दाग-धब्बों वाले फूड्स का सेवन करते हैं तो आपको अपने दांतों को सफेद रखने के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा काम करना पड़ सकता है। आपका डेंटिस्ट इनमें से एक कस्टम प्रोटोकॉल सेट  कर सकता है। स्पेसिफिक ओरल हाइजीन प्रोडक्ट्स, सही कंसनट्रेशन के साथ घरेलू व्हाइटनिंग सॉल्यूशन, ऑप्टिमल डेंटल क्लीन अप फ्रीक्वेंसी आमतौर पर तिमाही में एक बार, वार्षिक ऑफिस व्हाइटनिंग का प्रोसेस।

डीआईवाई व्हाइटनिंग

हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम से भरपूर फूड्स जैसे दूध से बने प्रोडक्ट और नट्स खाने जैसी आसान तरकीबों का इस्तेमाल करके आप अपने दांतों को नेचुरल तौर पर साफ और सफेद रख सकते हैं। अपने कैफीन वाले ड्रिंक को एक स्ट्रॉ के साथ पीने जैसे साधारण हैक्स (Hacks) धुंधलेपन को कम कर सकते हैं। ऑयल पुलिंग से लेकर अपने दांतों को लाइम और एक चुटकी बेकिंग सोडा से स्क्रब करने तक लोग ये सब करते हैं लेकिन ये ऑप्शन केवल तभी सुरक्षित होते हैं जब किसी क्वालिफाइड प्रोफेशनल के जरिए सुझाव दिया जाता है, इसलिए ध्यान रखें कि डीआईवाई ट्रेंड में न फंसें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।

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Sameer Saini

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