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World Diabetes Day: Nick Jonas ने बताए डायबिटीज के ये लक्षण, बड़ो के साथ बच्चे भी हो सकते हैं इसका शिकार

World Diabetes Day 2022: बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी पहचान बनाने वाली प्रियंका चौपड़ा (Priyanka Chopra) के पति और जाने-माने अमेरिकी सिंगर निक जोनस (Nick Jonas) ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने अपने डायबिटीज बीमारी के बारे में बताया है। इस पोस्ट में उन्होंने टाइप-1 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण बताएं हैं। जिससे वो 13 साल की उम्र से जूझ रहें हैं। दरअसल, जब वो 13 साल के थे, तब उन्हें पता चला कि उन्हें डायबिटीज है।

टाइप-1 डायबिटीज के लक्षण

आपको बता दें कि निक ने अपने इस पोस्ट में टाइप-1 डायबिटीज के 4 लक्षणों के बारे में जानकारी दी है। डायबिटीज के समय ये 4 लक्षण नजर आए थे और निक ने इसलिए इस पोस्ट को शेयर किया है, जिससे बाकी लोग सतर्क हो सकें। इस वीडियो के साथ निक ने कैप्शन में इन चीज़ो के बारे में लिखा, “मेरे पास 4 संकेत थे कि मैं टाइप 1 मधुमेह के साथ रह रहा था, अत्यधिक प्यास, वजन घटाने, बार-बार पेशाब आना और चिड़चिड़ापन। ये टाइप 1 मधुमेह के सामान्य लक्षण हो सकते हैं। मैं अपने संकेत शेयर कर रहा हूं ताकि अन्य लोग ये देख सके #SeeTheSigns। मुझसे जुड़ें और अपना #T1D #WorldDiabetesDay शेयर करें, @BeyondType1।” उनकी इस जानकारी के लिए लोग उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं।

जाने टाइप-1 डायबिटीज

इस बीमारी की वजह से शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। इसकी वजह से हमारी कोशिकाओं में सही मात्रा में ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता। कोशिकाओं तक ग्लूकोज पहुंचाने में इंसुलिन की अहम भूमिका होती है।

इस बारे में अपोलो टेलीहेल्थ के सीईओ विक्रम थापलू के कहा, “भारत में डायबिटीज एक तेज गति से बढ़ती हुई बीमारी है। देश में 20 से 70 साल की उम्र के कुल जनसँख्या के 8.7 % लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। जैसा कि सभी जानते हैं कि डायबिटीज एक लाइफस्टाइल से सम्बंधित बीमारी है। भारत में डायबिटीज की बीमारी एक महामारी का रूप ले चुकी है। डायबिटीज कई कारणों से होती है इसलिए इससे निपटने के लिए भी अलग-अलग दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है।”

आगे उन्होने कहा, “वर्तमान में अभी केवल छिटपुट ही डायबिटीज केयर उपलब्ध है। विशेष तौर पर डायबिटीज केयर भारत में नहीं है। ख़ास तौर पर भारत का स्वास्थ्य सिस्टम ऐसा है कि यहाँ एक्यूट केयर पर ही ज्यादा ध्यान दिया जाता है लेकिन क्रोनिक केयर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। अगर हमें इस बीमारी से जंग जीतनी है तो रोकथाम ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है।”

“भारत में राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी कई प्रभावी डायबिटीज जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत है। इसके लिए मेडिकल शैक्षिक संस्थाओं, स्कूलों और कॉलेजों, तथा ग्रामीण क्षेत्रों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने और सहयोग करने की जरूरत है। इसके अलावा कनेक्टेड मेडिकल डिवाइसेज, डिजीज मैनेजमेंट एप्स और टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म सहित कई नई टेक्नोलॉजी डायबिटीज के बोझ को कम करने में मदद कर सकती हैं। डेटा साइंस और जीनोमिक्स भी व्यक्तिगत इलाज प्रदान करने और प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकते है।”

Nishika Shrivastava

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